अगर सपा का दांव कामयाब हुआ तो जसवंत नगर से मैदान में उतरेंगे चाचा
राजनीतक गलियारों में हमेशा चाचा भतीजे की टक्करार सुर्ख़ियों में बनी रहती है, आए दिन चाचा भतीजे में मनमुटाव का कोई न कोई किस्सा सामने आता है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव(Shivpal Singh Yadav) ने जसवंतनगर सीट से उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
दरअसल, शिवपाल की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही है, क्योंकि समाजवादी पार्टी ने विधानसभा स्पीकर को याचिका देकर सदस्यता खत्म करने की मांग की है। जिसके चलते अब शिवपाल यादव(Shivpal Singh Yadav) की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है। मगर शिवपाल यादव(Shivpal Singh Yadav) भतीजे अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) से बराबर टक्कर लेना चाहते हैं।
शिवपाल ने किया था ये एलान
शिवपाल ने ऐलान किया है कि अगर उनकी सदस्यता गई, तो वो जसवंतनगर से उपचुनाव लड़ फिर से ताल ठोकेंगे, फिर चाहे सामने समाजवादी पार्टी का जो भी चेहरा हो और शिवपाल यादव(Shivpal Singh Yadav) ने ये ऐलान ऐसे वक्त में किया है, जब उन्होंने यूपी में होने वाले उपचुनाव से खुद को अलग किया था। शिवपाल यादव ने कहा था कि वो उपचुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि छात्र राजनीति पर ध्यान देंगे और जमीन पर पार्टी को मजबूत करेंगे। मगर समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव को मैदान में उतरने का मौका दे दिया है।
वैसे शिवपाल यादव के इस ऐलान से साफ हो गया है कि अब चाचा और भतीजे की लड़ाई नए मोड़ पर आ गई है। जिस तरह अखिलेश यादव के साथ मनमुटाव बढ़ने पर शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी से अलग हो और फिर पिछले साल अगस्त में एक नई पार्टी बना ली, लेकिन तकनीकी तौर पर वह समाजवादी पार्टी से ही विधायक थे। विधायक रहते हुए शिवपाल यादव(Shivpal Singh Yadav) ने अपनी अलग पार्टी बनाई।
पहले ही इस्तीफा दे चुके थे शिवपाल
अब समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव(Shivpal Singh Yadav) की सदस्यता खत्म करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। ये पत्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और सपा के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी ने दिया, उन्होंने दलबदल विरोधी कानून के आधार पर शिवपाल यादव की सदस्यता निरस्त करने को कहा, वैसे शिवपाल यादव पहले ही समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। अब उनकी विधायकी पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष को करना है।
इस बीच शिवपाल यादव ने इटावा में अपनी पार्टी की बड़ी रैली की। जहां उन्होंने ऐलान किया कि अगर उनकी विधानसभा सदस्यता चली जाती है, तो दोबारा जसवंतनगर से ही उपचुनाव लड़ेंगे। खास बात यह है कि शिवपाल यादव ने पूरे विश्वास के साथ ऐलान किया कि उनके सामने समाजवादी पार्टी से चाहे कोई भी प्रत्याशी उतारे, जीत उनकी ही होगी।
ये चल रहा है पार्टी में
जसवंतनगर सीट को मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता है और आज तक यह सीट समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) और परिवार के कब्जे में ही रही है। ऐसे में अगर शिवपाल यादव(Shivpal Singh Yadav) की सदस्यता चली जाती है और वो उपचुनाव लड़ते हैं, तो जसवंतनगर की सीट हॉट सीट बन जाएगी। जहां जीत हार से बात कहीं ज्यादा मान सम्मान की हो जाएगी।
वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव समाजावादी पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। हाल ही में अखिलेश ने रामपुर,बरेली और पीलीभीत का दौरा किया है। इन दौरों से अखिलेश जनता का मूड भांप रहे हैं। मगर असली मजा तो चाचा और भतीजे की लड़ाई में आएगा। सवाल इस बात का है कि कहीं चाचा-भतीजे की लड़ाई में फायदा बीजेपी ना उठा ले जाए।