मनी लांड्रिंग मामले में शरद पवार के तेवर कड़े, 27 को जाएंगे ED के दफ्तर
राकांपा(NCP) अध्यक्ष शरद पवार(Sharad Pawar) ने धन शोधन मामले में घुटने टेकने से मना कर दिया है। बुधवार को प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि वह 27 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय(ED) के कार्यालय जाएंगे और उनके खिलाफ दर्ज मामले में जानकारी दी जा सके। ये फैसला उन्होंने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों को मद्देनज़र रखते हुए लिया।
शरद पवार ने बुधवार को अपने खिलाफ दर्ज मामले पर मीडिया से बात की। उन्होंने(Sharad Pawar) कहा, “यह समय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नामांकन दाखिल करने से ठीक पहले का समय है। मुझे संविधान और इतिहास पर विश्वास है। महाराष्ट्र ने हमें दिल्ली के सामने झुकना नहीं सिखाया है।” पवार ने कहा, “मुझे अपने दौरे के दौरान अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही थी। यह चुनाव का समय है और मैं पूरे राज्य में यात्रा करूंगा। मैं शुक्रवार को ईडी कार्यालय में उपस्थित रहूंगा ताकि जब मैं यात्रा कर रहा हूं तो मेरे ठिकाने के बारे में कोई गलतफहमी न हो।”
शरद पवार के खिलाफ मामले पर युवा- धरना प्रदर्शन
Sharad Pawar ने कहा कि वह महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) घोटाले की गहराईयों में नहीं जाना चाहते। उन्होंने कहा कि वह जांच एजेंसी का जांच में पूरा सहयोग करेंगे। गौरतलब है कि एनसीपी की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रमुख शरद पवार(Sharad Pawar) और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज करने की निंदा करने के लिए बुधवार को ईडी कार्यालय के बाहर धरना दिया। पुलिस ने कहा कि पांच पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था।
साथ ही एनसीपी यूथ विंग की राज्य इकाई के प्रमुख महबूब शेख के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने ईडी कार्यालय के बाहर इकट्ठा होकर सत्तारूढ़ भाजपा और सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे। शेख ने कहा “ईडी ने पवार के खिलाफ मामला दायर किया। जिसे उनके अभियान की रैलियों को बड़ी प्रतिक्रिया मिली। ईडी का इस्तेमाल चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं की आवाज को बुलंद करने के लिए किया जा रहा है। इसलिए, हमने कार्रवाई की निंदा करने के लिए ईडी कार्यालय के बाहर धरना दिया।”
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग मामला
ED ने शरद पवार, उनके भतीजे अजीत पवार और अन्य के खिलाफ MSCB घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। मामला मुंबई पुलिस की प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्षों, महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों का नाम था। इसलिए धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत केंद्रीय एजेंसी ने प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। ईसीआईआर एक पुलिस एफआईआर के बराबर होती है। बता दें कि मामले का पंजीकरण 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले होगा।