गहराया हिंदूवादी नेता रणजीत बच्चन की हत्या का राज, रेप का आरोप और दूसरे मुकदमे भी चर्चा में
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के जिस तथाकथित अध्यक्ष रणजीत बच्चन की लखनऊ में गोली मारकर रविवार के तड़के हत्या हुई है, वो अपनी ही साली के साथ रेप का आरोपी भी है। वो गोरखपुर में आलीशान मकान भी बनवा रहा था। इसकी हत्या से जहां गांव के लोग सकते में हैंम तो वहीं निर्माणाधीन मकान के पीछे का टीनशेड इसकी माली हालत को भी बयां करता है, लेकिन, इसके बावजूद उसकी अय्याशी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने दो शादियां की थी। एक पत्नी गोरखपुर तो दूसरी लखनऊ में साथ रहती रही है।
गोरखपुर के गोला बाजार के अहिरौली गांव का रहने वाला रणजीत बच्चन उर्फ रणजीत श्रीवास्तव डेढ़ दशक पहले उस समय सुर्खियों में आया था, जब उसने कालिंदी शर्मा के साथ चार देशों की साइकिल यात्रा की थी। साइकिल यात्रा के पूरा होने के बाद दोनों ने शादी कर ली। 25 साल पहले रणजीत के पिता हीरालाल श्रीवास्तव गांव से आकर गुलरिहा इलाके के गुंलरिहा गांव में आकर बस गए. वे नलकूप विभाग में आपरेटर रहे हैं। उन्हें एंटी करप्शन की टीम ने इनको घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था। उसके बाद वे जेल चले गए और उनकी नौकरी भी चली गई थी।
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के बड़े प्रशंसक रणजीत का हेयर स्टाइल और लुक भी डेढ़ दशक पहले उनसे ही प्रेरित रहा है। गोरखपुर के लोग उन्हें गोरखपुर का अमिताभ बच्चन के नाम से पुकारते रहे हैं। शांति और सद्भाव के लिए भारत सहित चार देशों की यात्रा करने वाले रणजीत और कालिंदी ने उस समय खूब नाम और शोहरत भी कमाई। लेकिन, माली हालत जस की तस रही। इसके बाद रणजीत सपा के करीब आ गया और लखनऊ में सपा के बड़े नेताओं का करीबी हो गया।
कुछ साल बाद उसने अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ज्वाइन कर लिया और भगवा वस्त्र पहनने लगा। लेकिन, इस बीच जब इसने दूसरी शादी कर ली, तो पहली पत्नी कालिंदी निर्मल बच्चन से इसका विवाद हो गया। तलाक का मुकदमा भी चला। लेकिन, बाद में फिर ये दोनों एक हो गए। इस बीच रणजीत ने सबसे छोटी साली को भी अपने जाल में फांस लिया और उसका रेप कर दिया। उसकी साली ने रणजीत के खिलाफ शाहपुर थाने में साल 2017 में मुकदमा अपराध संख्या 460/17 आईपीसी की धारा 354, 324, 504, का केस दर्ज कराया। जो बाद में 376 में तरमीम हुआ। उसी के बाद से ये शाहपुर पुलिस की डायरी में फरार चल रहे थे। इसमें 83 की कार्रवाई भी हुई थी।
गुलरिहा गांव के रहने वाले नितेश निषाद बताते हैं कि वे तीन साल पहले यहां पर आते रहे हैं। टीनशेड के मकान में रणजीत और कालिंदी रहते रहे हैं। चार देशों की साइकिल यात्रा के बाद वे शादी के बंधन में बंध गए। उसके बाद वो लखनऊ चला गया और किसी महिला के साथ दूसरी शादी भी कर लिया। नितेश की मानें, तो उसके खिलाफ कुछ मुकदमें भी दर्ज रहे हैं और यहां पर विवाद भी हुआ था। उन्होंने बताया कि छह माह पहले ही कालिंदी निर्मल बच्चन ये निर्माणाधीन मकान का लिंटर डलवाया है। उन्होंने बताया कि ये मकान पांच साल से बन रहा है।
वहीं गांव के प्रधान राजेश निषाद और ग्रामीण राजू कहते हैं कि वे पाक-साफ छवि के रहे हैं। जब वे साइकिल यात्रा पूरी करके आए उनका स्वागत किया गया। उन्होंने बताया कि पारिवारिक समस्या थी, जिसे सुलझा लिए थे। उनका कोई दुश्मन नहीं था। कालिंदी शर्मा से लव मैरिज की। जब सपा ज्वाइन किए, तो सपा की एक महिला नेत्री से उन्होंने शादी कर ली। फिर वे यहां पर नहीं रहते थे। कालिंदी और रणजीत यहां पर साथ में रहते रहे हैं। यहां पर टीनशेड डालकर रहते थे। उसके बाद लखनऊ रहने लगे थे। वे हिन्दूवादी नेता रहे हैं। वे जहां पर भी खड़े होते थे, वहां भीड़ जुट जाती थी।