आदमखोर बाघ ने एक को बनाया निवाला, हाथियों के झुण्ड ने तीन को कुचला
घटना के बाद भारी हंगामा कई थानों की पुलिस सहित आलाधिकारी मौके पर
पीलीभीत में किसान को बाघ ने अपना निबाला बना डाला वहीं नेपाल से आये हाथियों के झुण्ड ने तीन किसानों को कुचल डाला जिसमें एक किसान की मौके पर ही मौत हो गयी घायल दो किसानों की हालत मरणासन है जिन्हें जिला अस्पताल पीलीभीत में भर्ती कराया गया है घायलों की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है दो किसानों की मौत के बाद आक्रोशित हुए ग्रामीणों का गुस्सा देख वन चौकी से सभी कर्मचारी फरार हो गए सूचना पर पहुँची माधौटांडा थाना पुलिस से ग्रामीण भिड़ गए और शवों को पोस्मार्टम के लिए देने से मना कर दिया कुछ देर बाद शवों को रखकर मुवावजे और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने के लिए मांग करने लगे पुलिस के लाख समझाने पर ग्रामीण नहीं माने तो उच्चाधिकारियों को सूचना दी गयी मौके पर पहुँचे एसडीएम के द्वारा लिखित में मुवावजे और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत कराया फिर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भजबाया गया ।
ऐसे और यहां हुई दर्दनाक घटना
दरअसल थाना माधौटांडा क्षेत्र के गाँव जमुनियां निवासी तोताराम 50 वर्ष खेत में घास काट रहे थे घात लगाए बैठे बाघ ने उनपर हमला कर दिया और जंगल के दो किलोमीटर अंदर उन्हें उठा ले गया दूसरी घटना थाना क्षेत्र के ही मूसेपुर की है जहाँ नेपाल से आये हाथियों का झुंड गाँव में घुस गया और तीन किसानों को कुचल डाला जिसमे रमेश 42 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि बाबूराम और सुरेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हे जिला अस्पताल पीलीभीत में भर्ती कराया गया है फिलहाल दोनों घायलों की हालत मरणासन बनी हुई है |
घटना के बाद से दहशत में लोग अब तक जा चुकीं हैं इतने लोगों की जानें
टाइगर रिजर्व बनने से अब तक बीते 8 सालों में बाघ के हमले से 39 लोनों की जान जा चुकी है प्रशासन घटना के समय आक्रोशित लोगों को कोई न कोई आश्वासन देकर मामले को रफा-दफा करता चला आ रहा है लेकिन कोई ठोस कदम उठाने के वजाय पुख्ता इंजमाअत नहीं कर पा रहा है और तब तक अगली घटना हो जाती है यही कारण है की इस घटना के बाद से दहशत खाये ग्रामीण घरों में कैद होने को मजबूर हैं |
लगातार हमलों से किसानों की मौत और भारी बबाल के बाद हरकत में आया प्रशासन
बीते 8 सालों में 39 किसानों की मौत और आक्रोशित ग्रामीणों के गुस्से को काबू पाने में असफल प्रशासन अब हरकत में आता दिखाई दे रहा है डीडी, टाइगर रिजर्व नवीन खंडेलवाल की माने तो लगातार हो रही घटनाओं को रोंकने के लिए 7 करोड़ की लागत से तारबंदी कराई जायेगी जिससे हिंसक वन्यजीव जंगल से बाहर न आ सकें
हिंसक वन्यजीवों द्वारा अब तक 39 लोगों की जान जाने के बाद प्रशासन तारबंदी करने की बात तो कह रहा है लेकिन आने बाले समय में देखने बाली बात होगी की क्या ऐसा हो पाता है या नहीं