हंगामे के कारण लोकसभा में शून्यकाल भी रहा बाधित

नयी दिल्ली, लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष ने बजट सत्र के दूसरे दिन भी आज भारी हंगामा किया जिसके कारण प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल भी बाधित रहा और पीठासीन अधिकारी मिनाक्षी लेखी को सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
श्रीमती लेखी ने एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की तो विपक्ष के सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये और हंगामा करने लगे। पीठासनी अधिकारी ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया। उनके आग्रह को हंगामा कर रहे सदस्यों ने अनसुना कर दिया और नारेबाजी और हंगामा करते रहे। हंगामा नहीं थमा तो सदन शुरू होने के महज पांच मिनट के भीतर उन्होंने कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
ये भी पढ़ें-राहुल गांधी को अब समझ आया सिंधिया के बगैर कांग्रेस शून्य है-नरोत्तम
इससे पहले सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये। अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने काे कहा लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और हंगामा करते रहे। इसी बीच सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा “सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ ‘डिजिटल’ भेदभाव किया जाता है। सदन में हम जो भी मुद्दे उठाना चाहते हैं उसे टीवी पर नहीं दिखाया जाता। सभी सदस्यों के अधिकार समान हैं लेकिन हम जो भी कहना चाहते हैं हमें ‘ब्लैक आउट’ कर दिया जाता है। सदन की कार्यवाही के दौरान ‘कैमरा’ सब पर होना चाहिए।”
बिरला ने चौधरी की आपत्ति के जवाब में उनसे पूछा “क्या आप यह चाहते हैं कि हम देश को दिखाएँ कि आप सदन में हंगामा कर रहे हैं।”
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी शोर शराबे को गलत बताया और कहा कि विपक्षी सांसद सदन की कार्यवाही में रुकावट डालना चाहते हैं, शोरशराबा और हंगामा करते हैं जो अनुचित है। इसी बीच हंगामा बढता गया तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।