घर पर रखे सोने के गहनों से आप कमा सकते हैं 2.50% ब्याज, जानिए RBI के इस नियम के बारे में..
नई दिल्ली. वित्तीय विशेषज्ञों ने हमेशा के लिए सोना को सबसे पसंदीदा एसटे मानते हैं. इतना ही हर भारतीय के लिए सोना निवेश (Gold investment) के रूप में सबसे पसंदीदा रहा है. इसमें सालों से लोगों का भरोसा है. आर्थिक मुसीबत में हमेशा यह काम आती है. यही वजह है कि जब से दुनिया में महामारी आई है तब से सोने की कीमतें रोलर कोस्टर की सवारी पर हैं. जबकि निवेश विशेषज्ञ और फंड मैनेजर गोल्ड ज्वेलरी से ज्यादा पेपर गोल्ड की वकालत करते हैं.
हालांकि, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds ) के विपरीत, बाजार की गति के अनुसार सोने का मूल्य बढ़ता रहता है, यह आपको कोई ब्याज नहीं देता है. आरबीआई (RBI) के SGBs को सोने का सबसे पसंदीदा पेपर गोल्ड के रूप माना जाता है क्योंकि यह पीली धातु में मूल्य वृद्धि के साथ-साथ ब्याज भी देता है.
घर पर रखें सोने के गहनों कैसे कमाएं?
अगर आप अपने सोने के गहनों (Gold jewellery ) को बैंक में स्टोर करना पसंद करते हैं तो आपको लॉकर शुल्क का भुगतान करना होगा. एक तरीका है जिससे आप अपने घर पर रखी गोल्ड ज्वैलरी से अधिक कमा सकते हैं. आप बेकार पड़े सोने को RBI द्वारा निर्दिष्ट बैंक में जमा कर सकते हैं और उस पर ब्याज पा कर सकते हैं. यह सुविधा आरबीआई की स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (Gold Monetisation Scheme)के तहत उपलब्ध है. यह बैंक की फिस्क्ड डिपाॅजिट (bank fixed deposit) की तरह ही होता है, जहां आप अपना बेकार सोना बैंक के पास जमा करते हैं और मैच्योरिटी पर, आपको सोने या सोने का मूल्य (आपकी पूंजी) पर अर्जित ब्याज के साथ वापस मिल जाता है.
ये बैंक दे रहे हैं सर्विस
हाल ही में एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), केनरा बैंक (Canara Bank), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) समेत कई बैंक ट्विटर पर RBI की गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम का प्रचार करते नजर आए.
HDFC Bank ने लिखा अपने ट्विटर पर लिखा “आप बेकार पड़े सोने के आभूषणों पर ब्याज कमा सकते हैं. एचडीएफसी बैंक आपके निष्क्रिय सोने पर उच्च ब्याज अर्जित (idle lying gold jewellery) करता है. एचडीएफसी बैंक गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में निवेश करें, लॉन्ग टर्म डिपॉजिट पर 2.50% और मीडियम टर्म डिपॉजिट पर 2.25% कमाएं. बता दें कि इस योजना के तहत, सोने की कीमत मैच्योरिटी के समय वर्तमान कीमत पर आधारित होगी. ब्याज की गणना सोने के जमा मूल्य (deposit value) पर की जाएगी.
इस योजना को सोने में फिक्स्ड डिपाॅजिट के रूप में भी जमा किया जा सकता है. कोई भी व्यक्ति जो भारत का रहने वाला है वह इस योजना में निवेश कर सकता है. गोल्ड एफडी ज्वाइंट नाम से भी खोली जा सकती है. बैंक इस योजना के तहत सोने की छड़ों, सिक्कों, रत्नों और अन्य धातुओं को छोड़कर आभूषणों के रूप में कच्चा सोना स्वीकार करते हैं.
एक निवेशक कम से कम 10 ग्राम कच्चा सोना जमा कर सकता है. निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. निवेशक 1 से 15 साल के बीच कोई भी टर्म चुन सकते हैं. विभिन्न कार्यकाल विकल्प नीचे दिए गए हैं:
<< शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD): कार्यकाल 1 से 3 वर्ष
<<मध्यम अवधि की सरकारी जमा (MTGD): कार्यकाल: 5-7 वर्ष
<<लंबी अवधि की सरकारी जमा (LTGD) अवधि 12-15 वर्ष
बता दें कि मैच्योरिटी के समय जमाकर्ता को उसी रूप में सोना नहीं मिलता है, जो उसने जमा किया था. जमा किए गए सोने के आभूषणों या गहनों को पीवीसी द्वारा पिघलाया और परख लिया जाएगा.