योगी की मजबूरी अरविंद है जरूरी
उत्तर प्रदेश की राजनीति में सरगर्मियां काफी तेज है इस वजह से क्योंकि दिल्ली से एक पूर्व आईएएस अधिकारी उत्तर प्रदेश चले आए हैं और यह अधिकारी राजनीतिक रूप से अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है, आपको बता दें कि हाल ही में पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा जैसे ही एमएलसी बने हैं उसके बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में सरगर्मियां काफी तेज हो गई है कि आने वाले समय में प्रधानमंत्री के पूर्व अधिकारी और वर्तमान में बीजेपी के नए नवेले एमएलसी आखिर किस की कुर्सी के लिए खतरा बने हुए हैं इसको लेकर लगातार चर्चाएं जारी है
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव है जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के अंदर लगाता सभी पार्टियां अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं वहीं सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी को जनता के बीच जाने में समय काफी कम बचा है।
बीजेपी के विशेष सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के हाईकमान से यह आदेश है कि जितने भी बड़े नेता उत्तर प्रदेश के संवैधानिक पदों का कार्यभार देख रहे हैं अब वह अपनी जमीन भी मजबूत करना शुरू कर दें क्योंकि उनको जनता के बीच में जाकर अपने कामों की गिनती भी करनी होगी, फिलहाल प्रशासनिक कामों को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए दिल्ली से अरविंद कुमार शर्मा को भेजा गया है सूत्र यह भी कहते हैं, यूपी के राजनीतिक गलियारों में चर्चा अब आम हो चुकी है कि मुख्यमंत्री के कामों का फीडबैक मुख्यमंत्री के द्वारा भेजने से पहले ही, गुजरात से आए राजनीतिक लोगों के द्वारा पहले ही भेज दिया जाता है हाईकमान को।
इस गतिविधियों को देखते हुए अब यह भी सवाल खड़े होते चले जा रहे हैं की क्या अगली बार योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन पाएंगे क्योंकि जिस तरीके से लगातार गुजरात से आए राजनीतिक लोगों के हाथ में उत्तर प्रदेश की कमान आ रही है, इसी वजह से बीजेपी में कई राजनीतिक हस्तियों की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है, फिलहाल सरगर्मियां तेज है चर्चाएं तेज हैं हाईकमान के दिशा निर्देश का इंतजार है कि आने वाले समय में क्या फैसला लिया जाता है
उत्तर प्रदेश बीजेपी के संगठन में कुछ खिचड़ी पक रही है और यह खिचड़ी कितनी स्वादिष्ट पकती है यह तो राम ही जाने मगर खिचड़ी में कुछ तो नया है इसी वजह से अलग-अलग राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा होनी शुरू हो गई है और यह बातें आम हो चुकी है योगी की मजबूरी अरविंद है जरूरी।