योगी ने वित्त विभाग से मांगा प्रस्ताव, UP में कम होंगे डीजल पेट्रोल के दाम!
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. जनता को पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम चुभ रहे हैं. आगामी चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों (Petrol and Diesel Price) और महंगाई को लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रही है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) इन दोनों मुद्दों पर बहुत मुखर हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों में कुछ कमी करके जनता को राहत देने का मन बना लिया है.
विधानसभा चुनाव से पहले डीजल पेट्रोल की कीमतों को कम करने को लेकर गुरुवार को लखनऊ में एक अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री योगी के अलावा वित्त मंत्री और वित्त विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में उत्तर प्रदेश में VAT को कम कर डीजल और पेट्रोल के दाम कम करने पर गंभीरता से चर्चा की गई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के अधिकारियों से इस पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है.
जानकारी के मुताबिक, इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही यह तय किया जाएगा कि कितना VAT कम किया जाए. सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही इस बारे में बड़ा फैसला ले सकती है और पेट्रोल, डीजल के दामों को कम करने का ऐलान भी किया जा सकता है. उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में वैट कम करने से डीजल और पेट्रोल की कीमतों में ₹2 से ₹3 की कमी आ जाएगी. यानी चुनाव से पहले सरकार डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अपना हिस्से का वैट कम कर दाम घटा सकती है और जनता को महंगाई से कुछ राहत दे सकती है.
पेट्रोल और डीजलों की कीमतें देश में लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसके कारण लोगों ने आशा जताई थी कि मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर जनता को कुछ राहत दे सकती है. लेकिन जीएसटी काउंसिल की सितंबर के आखिर में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. देश के अधिकांश राज्यों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया था क्योंकि इससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त होती है.