योगी सरकार ने साढे 4 साल में 2.75 लाख करोड़ रुपए लाभार्थियों के खाते में सीधे भेजे
रविवार को दिल्ली में भाजपा केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्र सरकार ने JAM यानी जन-धन और DBT को अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश किया है। यूपी की योगी सरकार ने साढ़े चार सालों में 2.75 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए लाभार्थियों के खाते में सीधे भेजे हैं।
उत्तर-प्रदेश में भी तमाम योजनाओं को डीबीटी से जोड़ा गया है। सरकार का दावा है कि यूपी की 137 योजनाओं में डीबीटी के जरिए पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर हुआ है। केवल 1 साल में ही 56 हजार करोड़ रुपए सीधे लाभार्थी के खाते में भेजे गए।
स्कूली बच्चों के माता-पिता के खाते में 1980 करोड़ हुए ट्रांसफर
शनिवार को मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों की यूनिफॉर्म, किताबें और बैग आदि के लिए उनके अभिभावकों के खाते में 1980 करोड़ रुपए की कुल राशि ट्रांसफर की। इसी के साथ डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (DBT) यानी कि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधा पैसा डाले जाने की प्रक्रिया के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खाते में रिकॉर्ड 2.75 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं। राज्य में 27 विभागों की 137 योजनाओं को ऑनबोर्ड किया गया है, जिसमें अब सीधे फंड लाभार्थी के खाते में भेजा जाता है।
DBT से खत्म हुई सब्सिडी के नाम पर लूट
यूपी सरकार का दावा है कि कुछ सालों पहले तक देश और प्रदेश में सब्सिडी के नाम पर जो लूट होती थी,उसे योगी सरकार ने डीबीटी के जरिए खत्म कर दिया है। प्रदेश विधानसभा के बीते बजट सत्र में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने डीबीटी का जिक्र करते हुए बताया था कि योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 56,000 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी है। इस प्रक्रिया में बिचौलिया खत्म हुए और भुगतान पारदर्शी हुआ।
लॉकडाउन में मददगार बना DBT
डीबीटी योजना जहां सूबे में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा रही है, वही यह किसानों, मजदूर, श्रमिक, छात्र और पेंशनरों के लिए वरदान साबित हो रही है। बीते साल जब लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में थे तब डीबीटी के जरिए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के लाखों किसानों, मनरेगा श्रमिकों, अन्य राज्यों से आए मजदूरों, महिलाओं, वृद्ध, दिव्यांग और पेंशनरों के खातों में सीधे धनराशि भेज कर उनकी मदद की। मुख्यमंत्री के इस प्रयास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर खोले गये जन-धन खाते मददगार बने है।
86 लाख किसानों के खाते में 36000 करोड़ हुए ट्रांसफर
सत्ता में आने के तत्काल बाद ही राज्य में 86 लाख लघु-सीमांत किसानों के एक लाख रुपए के कर्जे माफ किए उन सबके खाते में 36,000 करोड़ रुपए का भुगतान डीबीटी के जरिए हुआ। न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान के अलावा योगी सरकार गन्ना किसानों के खाते में डीबीटी के जरिये 1.45 लाख करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान कर चुकी है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2.54 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में अब तक 27,521 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं।
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