योगी बोले, जागरूकता-जनसहभागिता से 2025 से पहले टीबी मुक्त करने में होंगे सफल
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान (एसीएफ), विशेष टीकाकरण अभियान एवं प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड वितरण अभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में नव निर्मित कल्चर एण्ड डीएसटी लैब (सी ऐण्ड डीएसटी), राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम विषयक प्रचार-प्रसार सामग्री का लोकार्पण भी करेंगे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हम इस अभियान को ऐसे समय में प्रारंभ कर रहे हैं, जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से त्रस्त है और बहुत सारी जगहों पर तो कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव देखने को मिला है। वहीं उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, एनएचएम और यूनिसेफ जैसी संस्थाओं के निरंतर कार्य व सहयोग से न केवल कोरोना पर प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त हुई है। बल्कि स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी कार्यक्रम भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि हम कोरोना कालखण्ड में इस लड़ाई को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाएंगे। वहीं साथ-साथ समय-समय पर एक सामान्य नागरिक के स्वास्थ्य से जुड़े हुए कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भी टीकाकरण अभियान चलाया गया था, लेकिन कई बच्चे इससे छूट गए। इसके मद्देनजर अब विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही आज बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में नव निर्मित कल्चर एण्ड डीएसटी लैब (सी ऐण्ड डीएसटी) का लोकार्पण कार्यक्रम भी सम्पन्न हो रहा है। वहीं प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड वितरण अभियान का शुभारम्भ किया गया है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों,जरूरतमंदों को सालाना पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस कार्यक्रम को लेकर दो कारण हैं कि या तो हम लोग ऐसे जरूरतमंदों को जागरूकता कार्यक्रमों से नहीं जोड़कर बता नहीं पाए कि उन्हें गोल्डन कार्ड बनाने पर स्वास्थ्य बीमा कवर का लाभ मिल सकता है और वह किसी निजी अस्पताल में भी पांच लाख तक का इलाज करा सकते हैं या प्रदेश के अंदर सरकारी चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही नि:शुल्क स्वास्थ्य की सुविधा होने के कारण जरूरतमंद अपना कार्ड नहीं बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा इसके बावजूद मेरी अपील है कि हमें गांव-गांव में इस अभियान को चलाना चाहिए और शत-प्रतिशत गोल्डन कार्ड बनाकर के लोगों तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए। हमारी स्वास्थ्य सेवाएं नि:शुल्क चल रही हैं। लेकिन, लोगों को गोल्डन कार्ड की जरूरत यहां और प्रदेश के बाहर जाने पर भी पड़ सकती है। इसलिए प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड बनाने में हमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित परिवार स्वस्थ जीवन यापन करने की स्थिति में रहेगा और उसके अंदर किसी प्रकार का भय नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री ने टीबी रोगियों की खोज के लिए आज से 29 जिलों में अभियान को भी गति प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वहीं टीबी रोगियों के लिए जो नई औषधि आज यहां लॉन्च की जा रही है, वह न केवल इस बीमारी के इलाज में सहायता उपलब्ध कराएगी, बल्कि आने वाले समय में हम प्रधानमंत्री के निधारित लक्ष्य के अनुरूप भारत को टीबी मुक्त करने में सफलता हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी राज्यपाल महोदय ने प्रदेश के अंदर क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लेने का अभियान चलाया, यह जागरूकता कार्यक्रम है। पूरे देश के अंदर सर्वाधिक क्षय रोग से पीड़ित बच्चे उत्तर प्रदेश में हैं। इसलिए इन बच्चों या किसी व्यक्ति के लिए जो ये नई दवाई है, उससे इलाज में मदद मिलेगी। इसके साथ ही भारत सरकार ने क्षय रोग से ग्रसित रोगियों के लिए 500 रुपये प्रति माह की व्यवस्था की है। इस कार्यक्रम को हम लोग जागरूकता, जनसहभागिता से एक अभियान के रूप में चलाएंगे तो 2025 से पहले उत्तर प्रदेश को टीबी से मुक्त करने में सफलता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश में शिशु मृत्यु दर आज भी हम सबके सामने एक चुनौती है। हालांकि पहले की तुलना में इसमें काफी परिवर्तन देखने को मिला है। नियमित टीकाकरण प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी अभियान का एक हिस्सा है जिस पर उन्होंने विशेष चिंता व्यक्त की है। नियमित टीकाकरण के माध्यम से हम बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचा सकते हैं।