चुनाव खत्म होते ही योगी का धोबीपाट, बगावती कैबिनेट मंत्री को बर्खास्त करने की सिफारिश
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही देश की राजनीति में हलचल मचना शुरू हो गई है | यूपी में बीजेपी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को पद से बर्खास्त करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल राम नाईक से सिफारिश की है। अब ये तय माना जा रहा है कि राजभर की यूपी कैबिनेट से विदाई किसी भी वक्त संभव है | साथ ही ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य हैं, सभी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। ओमप्रकाश राजभर ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे सीएम के फैसले का स्वागत करते हैं। गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है।
ओपी राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण-दिव्यांग जन कल्याण मंत्री थे | योगी ने राज्यपाल से सिफारिश कर उन्हें तत्काल बर्खास्त करने को कहा है | काफी लंबे समय से वह बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलते आ रहे थे | कई बार ओपी राजभर ने ऐसे बयान भी दिए हैं जो बीजेपी के लिए मुसीबत बने तो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के हक में गए | ऐसे में अब जब एग्जिट पोल के नतीजे सामने हैं और चुनावी प्रक्रिया लगभग खत्म ही हो गई है तो यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके खिलाफ एक्शन की सिफारिश की है |
ओपी राजभर ने कभी अफसरों द्वारा सिफारिशें न सुनने पर हंगामा किया तो कभी बेटों को पद दिलाने के लिए इस्तीफा देने पर अड़े। बीजेपी सरकार लगातार उनके बयानों और इस्तीफों को नजरअंदाज करती रही। यूपी में राज्यसभा चुनावों को लेकर होने वाले मतदान और लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के शीर्षस्थ नेताओं की तरफ से ओम प्रकाश राजभर को समझाने और मनाने का दौर भी चला। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की राजभर समुदाय के बीच पकड़ मजबूत है | दरअसल, ओम प्रकाश राजभर की मांग थी कि लोकसभा चुनाव में उन्हें दो से तीन सीटें दी जाएं लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नही हुई|