योगी सरकार का बड़ा एक्शन, सात अफसरों को किया सस्पेंड, जानें वजह
छह अन्य नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें चार्जशीट दी गयी
लखनऊ. योगी सरकार दूसरी बार सत्ता में आनें के बाद से ही एक्शन मोड में नजर आ रही है। इसी कड़ी में सरकार ने नगर विकास विभाग के सात अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें प्रयागराज के सहायक नगर आयुक्त राज कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। गुप्ता पर संभल में रहने के दौरान वाहनों के क्रय, पंजीयन में अनियमित भुगतान का आरोप है। इसके अलावा छह अन्य नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें चार्जशीट दी गयी है।
बता दे कि आगरा के बीएसए सतीश कुमार निलंबित कर दिए गए हैं। उन्होंने हमीरपुर में तैनाती के दौरान शासन स्तर पर स्थानांतरण, पदस्थापन, सम्बद्धीकरण पर रोक होने के बाद भी नियमविरुद्ध विद्यालय व ब्लॉक परिवर्तन किया है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया लेकिन सतीश कुमार ने बिना चयन समिति के अनुमोदन के कुछ शिक्षकों का स्कूल या ब्लॉक बदल दिया। उन्होंने नियम विरुद्ध किए गए तबादले को डिस्पैच रजिस्टर में भी नहीं अंकित किया। प्रारम्भिक जांच में सतीश कुमार ने न तो सहयोग किया और न ही कोई अभिलेख उपलब्ध कराएं।
शराब की दुकानों पर अधिक दाम वसूल
वहीं शराब और बीयर की दुकानों पर अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दाम वसूल किए जाने की शिकायतों पर कार्रवाई न करने पर बस्ती जिले के एक आबकारी निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। आबकारी आयुक्त सेंथिल पाण्डियन सी ने यह कार्रवाई की है। अलीगढ़ की जलाली नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राज कुमार पर भी बारातशाला में नवीनीकरण में अनियमितता का आरोप है। जालौन की नगर पंचायत कदौरा के अधिशासी अधिकारी सुनील कुमार सिंह पर एनजीटी के कामकाज और कान्हा गौशाला प्रबंधन में लापरवाही बरतने का आरोप है।
निर्माण कार्यों में खराब गुणवत्ता की शिकायत
बरेली जिले की नगर पंचायत धौर टाण्डा के अधिशासी अधिकारी देवेन्द्र प्रताप गौतम पर निर्माण कार्यों में खराब गुणवत्ता की शिकायत है। हमीरपुर की गोहान नगर पालिका परिषद की अधिकारी दीपालिका यादव पर औरैया में कार्यकाल के दौरान अनियमिताओं का आरोप है। दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरों टॉलरेंस की नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है। इससे पहले भी कई अफसरों के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर चुकी है ये पहली बार नहीं है।