योगी सरकार देगी ग्राम प्रधानों को ‘बड़ा गिफ्ट’, जानिए क्या है
राज्य के 58189 ग्राम प्रधानों के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस लिया हैं. वहीं चुनाव से पहले योगी सरकार जल्द ही ग्राम प्रधानों के लिए एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. यूपी सरकार राज्य के 58189 ग्राम प्रधानों के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार बढ़ाने जा रही है. इसी के तहत प्रधान ज्यादा आसानी से गांवों के विकास के लिए फंड जारी करा सकेंगे. इसके अलावा इनमें ग्राम प्रधानों और पंचों के लिए पंचायत प्रतिनिधि कल्याण कोष का गठन किया जाएगा. साथ ही जिला योजना में ग्राम प्रधानों को प्रतिनिधित्व दिए जाने, आर्किटेक्ट फर्मों से विकास कार्य करवाने की छूट जैसे कई अधिकार भी मिल जाएंगे. सीएम योगी 5 दिसंबर को लखनऊ में ग्राम प्रधान सम्मेलन में इसका ऐलान कर सकते हैं.
संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा ने कही ये बात
आपको बता दे कि अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह और निदेशक को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस बारे में सीएम योगी से भी संगठन के प्रतिनिधियों की बातचीत हो चुकी है. संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा का कहना है कि सीएम ने वार्ता के दौरान उपरोक्त मांगों पर जल्द ही कार्यवाही किये जाने का आश्वासन भी दिया था. उन्होंने कहा कि गांव में विकास कार्य करवाने के लिए अभी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के इंजीनियरों से इस्टीमेट व एमबी बनवायी जाती है जिसमें बड़े पैमाने पर कमीशनखारी होती है जिससे विकास कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होती है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. इसलिए पंचायतीराज अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि ग्राम पंचायती अपने स्तर पर तकनीकी सेवाएं ले सकती हैं.
आर्किटेक्ट फर्म को जिम्मेदार ठहराया
ललित शर्मा ने कहा कि इसीलिए ग्राम प्रधान संगठन की मांग रही है कि प्रधानों को आर्किटेक्ट फर्मों से इस्टीमेट बनवाकर कार्य करवाने और एमबी तैयार करवा कर भुगतान करवाया जाए. इस मामले में अगर किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार होता है तो उसके लिए सम्बंधित ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और आर्किटेक्ट फर्म को जिम्मेदार ठहराया जाए. उन्होंने आगे कहा कि आगामी 5 दिसंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मनायी जाएगी जिसमें पूरे प्रदेश से करीब 2 हजार प्रधान प्रतिनिधि शामिल होंगे.