योगी सरकार ने ODOP योजना से बांसुरी ऊद्योग में फूकी जान, अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी बड़ी मांग

लखनऊ : पीलीभीत की बांसुरी अमेरिका और यूरोप के देशों में संगीत की सुरीली तान छेड़ेगी। अमेरिकी और यूरोपीय देशों में पीलीभीत की बांसुरी की मांग बढ़ी है । योगी सरकार की ओडीओपी योजना का रंग पीलीभीत के बांसुरी उद्योग पर दिखने लगा है। दो साल के भीतर बांसुरी उद्योग में करीब 20 फीसदी का उछाल आया है।

 

राज्‍य सरकार के एक जनपद एक उत्‍पाद ( ओडीओपी) योजना के तहत नई उम्‍मीदों के साथ खड़े हो रहे पीलीभीत के बांसुरी उद्योग के लिए देश के साथ विदेशी बाजार ने भी बांहें खोल दी है। पीलीभीत की बांसुरी का निर्यात अमेरिकी और यूरोपीय देशों में शुरू कर दिया गया है। मांग और बाजार के मुताबिक फिलहाल पीलीभीत में तीन तरह की बांसुरी का उत्‍पादन किया जा रहा है। एमएसएमई के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में ओडीओपी योजना शुरू होने के बाद बांसुरी उद्योग में करीब 20 फीसदी की बढ़त हुई है। राज्‍य सरकार के मुताबिक पीलीभीत के बांसुरी उद्योग का सालाना औसत व्‍यापार 2 करोड़ तक पहुंच गया है। बांसुरी उद्योग ने स्‍थानीय स्‍तर पर बड़ी संख्‍या में लोगों को रोजगार दे दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पीलीभीत से सालाना 20 से 25 लाख बांसुरी महाराष्‍ट् ,तमिलनाडू समेत दक्षिण भारत और पूर्वोतर के राज्‍यों में भेजी जा रही है। अमेरिकी और यूरोपीय देशों में पीलीभीत की बांसुरी की मांग बढ़ने से आने वाले समय में स्‍थानीय इकाइयों को बड़ा फायदा मिलने की उम्‍मीद की जा रही है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 2500 से 3000 लोग बांसुरी बनाने के काम से सीधे जुड़े हुए हैं,जबकि अप्रत्‍यक्ष तौर पर बांसुरी के व्‍यापार में सैकड़ों लोग शामिल हैं। गौरतलब है कि ओडीओपी योजना के तहत राज्‍य सरकार बांसुरी बनाने का मुफ़त प्रशिक्षण दे कर लोगों को रोजगार से जोड़ रही है। प्रशिक्षण के दौरान मानदेय दिए जाने के साथ ही सरकार बांसुरी बनाने के लिए जरूरी उपकरण भी लोगों को मुहैया करा रही है,ताकि बांसुरी उद्योग को मजबूती दी जा सके।

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