कब शपथ ले रहे हैं योगी आदित्यनाथ? और कौन होगा मेहमान?
25 मार्च को CM पद की शपथ लेंगे योगी:PM मोदी और अमित शाह रहेंगे मौजूद, नए मंत्रिमंडल में महिलाओं और युवाओं को खास तवज्जो
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शपथ-ग्रहण की तारीख पर आधिकारिक मुहर लग गई है। 37 साल पुराना मिथक तोड़कर इतिहास रचने वाले CM योगी का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च को शहीद पथ स्थित इकाना स्टेडियम में होगा। समारोह में मंत्रिमंडल में महिलाओं और युवाओं को खास तवज्जो मिलेगी। शपथ ग्रहण समारोह दोपहर बाद शाम करीब 4 बजे आयोजित होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
वहीं, 200 से ज्यादा VVIP की एक लिस्ट भी तैयार कर ली गई है। समारोह में विपक्ष के नेताओं को भी निमंत्रण दिया जाएगा। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती समेत विपक्ष के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा। योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भी आमंत्रित किया गया है।
मंत्रिमंडल में महिलाओं को मिल सकती है जगह
मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर योगी की पार्टी नेतृत्व के साथ मंत्रणा हो चुकी है। यूपी में सरकार गठन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को पर्यवेक्षक और सह पर्यवेक्षक बनाया गया। शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची को मुख्यमंत्री के गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने पर अंतिम रूप दे दिया जाएगा। मंत्रिमंडल में महिलाओं को खास तवज्जो देने की बात भी सामने आ रही है। बलिया के बांसडीह में पहली बार भाजपा का खाता खुलवाने वाली और आठ बार के विधायक रहे रामगोविंद चौधरी को मात देने वाली केतकी सिंह को मौका मिल सकता है।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं रायबरेली सदर विधायक आदिति सिंह, सपा छोड़ भाजपा का दामन थामने वाली मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भी मंत्री बनाया जा सकता है। इधर, हाथरस सीट से पहली बार विधायक बनी अंजुला सिंह माहौर की लॉटरी लग सकती है। फर्रुखाबाद से डॉक्टर सुरभि के साथ ही आगरा ग्रामीण की बेबी रानी मौर्य को तो डिप्टी CM बनाने की चर्चा है। वहीं अपर्णा को MLC बनाकर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर योगी की पार्टी नेतृत्व के साथ मंत्रणा हो चुकी है।
मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर योगी की पार्टी नेतृत्व के साथ मंत्रणा हो चुकी है।
2 दर्जन नए चेहरों को मिल सकता है मौका
योगी सरकार 2.0 की कैबिनेट युवा होगी। इसके पीछे 2 वजह है। खबर है कि 60 साल से ज्यादा उम्र वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में इस बार शायद ही जगह मिले। दूसरा वजह है कि इस बार करीब 25 नए चेहरों पर पार्टी ने भरोसा जताया है। सरकार ने 10 मंत्री चुनाव हार चुके है। तीन पार्टी छोड़ कर जा चुके है।
ऐसे में योगी की पहली सरकार के इन 13 मंत्रियों की जगह पर नए विधायकों को मौका मिलेगा। साथ ही इस बार का मंत्रिमंडल 2024 को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है, ऐसे में ओबीसी और दलित विधायकों की मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी बढ़ेगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
दिनेश शर्मा और केशव मौर्य की जगह नए डिप्टी CM
कहा जा रहा है कि दिनेश शर्मा के चुनाव न लड़ने और केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने के बाद डिप्टी सीएम के पद पर नए चेहरे सामने होंगे। एक चेहरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का, तो दूसरा बेबी रानी मौर्य का हो सकता है। जातीय संतुलन के लिए दिनेश शर्मा की जगह किसी दूसरे ब्राह्मण चेहरे को मौका देने की बात भी कही जा रही है।
15 पुराने मंत्रियों को फिर मिलेगी जगह
योगी कैबिनेट में करीब 15 पुराने मंत्रियों को जगह मिलना तय बताया जा रहा है। इनमें सबसे अहम नाम केशव प्रसाद मौर्य का है। उन्हें चुनाव हारने के बाद भी मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। इसके अलावा, सुरेश खन्ना, श्रीकांत शर्मा, बृजेश पाठक, सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, आशुतोष टंडन, नंदकुमार नंदी, कपिल देव अग्रवाल, जतिन प्रसाद, रविंद्र जायसवाल, लक्ष्मीनारायण चौधरी, भूपेंद्र चौधरी, जय प्रताप सिंह और अनिल राजभर के नाम भी मंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं।
इन नए नामों पर लग सकती है मुहर
2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार मंत्रिमंडल में जातीय के साथ क्षेत्रीय संतुलन भी साधा जाएगा। डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही 11 मंत्रियों के चुनाव हारने के कारण काफी संख्या में नए चेहरों को मौका मिलेगा। नई सरकार में शामिल होने वाले संभावित नामों में हरदोई के नितिन अग्रवाल, कायमगंज से विधायक डॉ. सुरभि, प्रयागराज की बारा सीट से विधायक वाचस्पति, इटावा से सरिता भदौरिया, मैनपुरी से जय वीर सिंह, मऊ से रामविलास चौहान, देवबंद से कुंवर ब्रजेश शामिल हैं।
रुदौली अयोध्या से रामचंद्र यादव तो कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू को हराने वाले फाजिलनगर से विधायक असीम राय, स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त देने वाले सुरेंद्र कुशवाहा और चिल्लूपार में विनय शंकर तिवारी को मात देने वाले राजेश त्रिपाठी को भी मौका मिल सकता है।
इनके साथ ही पुलिस की नौकरी छोड़कर विधायक बने असीम अरुण तथा राजेश्वर सिंह में से किसी एक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। गाजियाबाद के साहिबाबाद से रिकार्ड मतों से जीतने वाले विधायक सुनील शर्मा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के नाम की भी चर्चा है।
सहयोगी दलों से इन 4 नामों की चर्चा
निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से MLA बने हैं। वैसे तो संजय निषाद भी MLC हैं, लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि वे अपने बेटे को मंत्री बनवाएंगे। इसके साथ ही अपना दल से MLC आशीष पटेल के अलावा एक और मंत्री अपना दल के कोटे से बनाए जा सकते हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा इस बार अपने सहयोगी दलों के कोटे से 4 मंत्री रख सकती है।