योगी आदित्यनाथ ने सदन में पढ़ी कविता
उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद प्रस्ताव राज्यपाल के अभिभाषण – सभी दलों ने रुचि से इसमें भाग लिया और लोकतंत्र के इस मंदिर में अपने दल के अनुरूप संवाद किया, आपस मे असहमति जरूर हो सकता है लेकिन संवाद का यह सिलसिला चलते रहना चाहिए, 48 सदस्यों ने इसमें भाग लिया।
राज्यपाल के प्रति हदय से आभार जिन सदस्यों ने इसमें भाग लिया उन्हें भी ह्रदय से धन्यवाद, परिपाटी अच्छे चीजो से बनती है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष का नाम लिए बगैर कहा गलत पार्टी में होने के कारण भटक जाते है, मैं उनका सम्मान करता हु। परिपाटी अच्छी होनी चाहिए। राज्यपाल जब आती है तो सत्ता पक्ष और विपक्ष का काम है वह सम्मान करें। कोई भी प्रतिकूल टिप्पणी नही होनी चाहिए लेकिन जैसा हुआ वह पीड़ा दायक है।
सर्प तू नगर नही गया , कहा से विष पाया कहा से सीखा तूने डसना , यह कविता मुख्य्यमंत्री ने पढ़ी बिपक्ष के राज्यपाल अभिभाषण में विपक्ष के विरोध के लिए आगे बोलते हुए कहा कि कही सदन को लोग नौटंकी न समझ ले कोई लाल टोपी कोई नीली टोपी कोई पीली टोपी विपक्ष पर किया कटाक्ष । एक वक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा टोपी पहले वाले लोगो के लिए यह धारणा बन गई है गुंडा , गुंडा , नेता प्रतिपक्ष को कहा आप पगड़ी पहनकर आते या साफ़ा पहनकर आते तो अच्छा है, नेता प्रतिपक्ष को कहा इस उम्र में यह सब शोभा नही देता।
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मुख्य्यमंत्री ने आगे बोलते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष जब बोलते है तो वह सीधे बलिया नही जाते लेकिन वह दिल्ली बिहार होकर जाते है लगता है बीच मे अयोध्या जाने में डर लगता होगा, कल उन्होंने काफी बाते सही बोले अस्वस्थ हुए तो हमारी विरासत का पार्ट है|
मैने भी हालचाल लिया सुरेश खन्ना से भी बात की, सामान्य लोग 12 दिन ने वापस आ जाता है उनको 42 दिन लगे, मैंने पहले दिन ही कहा आराम से बोलिये, लेकिन जब बोलते है तो बलियाटिक भाषा मे चले जाते है, जब हमारे पास पैसे की कमी पड़ी तो सभी सदस्यों ने सहभागी बना, इसके लिए ह्रदय से धन्यवाद,किसी ने विरोध नही किया सभी ने प्रदेश को बचाने को प्राथमिकता दी। आज भी सवा लाख से डेढ़ लाख टेस्ट चल रहे है।
हमने मंत्रियों का समूह बना दिया फिर टीम 11 बना दिया, यह बैठक का सिलसिला आज भी चल रहा है यूपी में एक्टिव केस सिर्फ 2000 ही है ।अमेरिका और यूरोप के सामने यूपी का हेल्थ सेक्टर कही नही टिकता , मौत के आंकड़े रुके , WHO को भी उत्तर प्रदेश की सराहना करनी पड़ी। सभी दान दाताओं का आभार व्यक्त किया, एक वृद्ध महिला ने अपनी जीवन भर की पूंजी दान दे दिया,