मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण, भड़के समर्थक:योगी बोले- जाति-बिरादरी में मत बंटो, नहीं तो देश सुरक्षित नहीं रहेगा
प्रतिमा से गुर्जर शब्द गायब देखकर भड़की भीड़, RRF और PAC के जवान तैनात
ग्रेटर नोएडा के कस्बा दादरी में सीएम योगी ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया।
ग्रेटर नोएडा के कस्बा दादरी में सीएम योगी ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया। सीएम के आने से पहले मिहिर भोज की जाति को लेकर गुर्जर और क्षत्रियों में विवाद बढ़ गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंच से निकलते ही गुर्जर समाज के तमाम लोग मुख्य मंच पर पहुंच गए। यहां पट पर जाति सूचक शब्द गायब देखकर वे भड़क गए। उन्होंने कार्यक्रम आयोजक एवं भाजपा विधायक तेजपाल नागर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके चलते प्रतिमा के चारों ओर RRF और PAC के जवान तैनात किए गए हैं।
शिलापट पर जाति सूचक शब्द गायब
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस वक्त प्रतिमा का अनावरण किया, उस वक्त शिलापट पर कोई जाति सूचक शब्द नहीं था। कार्यक्रम समापन के बाद समाज के लोग जैसे ही प्रतिमा के दर्शन करने के लिए पहुंचे, तो उन्होंने जाति का नाम लिखा हुआ नहीं पाया। इस पर लोग भड़क गए और मुख्य मंच पर पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया। लोगों के हंगामे के मद्देनजर मिहिर भोज की प्रतिमा स्थल पर फिलहाल ताला लगाया गया। भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए।
प्रतिमा स्थल पर फिलहाल ताला लगाकर बड़ी संख्या RAF और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।
सम्राट मिहिर भोज ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे- योगी
इससे पहले सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सम्राट मिहिर भोज ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। ऐसे महापुरुष को नमन है। जो कौम अपने भूगोल को विस्मृत कर देती है, वो अपने इतिहास की रक्षा भी नहीं कर पाती। आपको गौरव होना चाहिए कि महापुरुषों का इतिहास संजोए रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने धन सिंह कोतवाल, पन्ना धाय, राव उमराव रोशन सिंह जैसे महापुरुषों का बलिदान भी गिनाया।
सभा में योगी ने अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे का जिक्र किया। कहा कि एकजुट रहो, जाति-बिरादरी में न बंटो। अगर बंटे तो देश सुरक्षित नहीं रहेगा। सम्राट भोज ने यही सिखाया। उनका यही संदेश था कि एकजुट रहो, देश के लिए सोचो। देश को आजादी अचानक नहीं मिली। आजादी के लिए तमाम लोगों ने बलिदान दिए। तब जाकर धीरे-धीरे देश की जमीन से विदेशी बर्फ पिघलती गई।
सुबह शिलापट पर लिखे ‘गुर्जर’ शब्द को अराजकतत्वों ने काले रंग से पोता
इससे पहले सुबह शिलापट पर लिखे ‘गुर्जर’ शब्द को अराजकतत्वों ने काले रंग से पोत दिया। सुबह 8 बजे अफसरों की नजर इस शिलापट पर पड़ी तो हड़कंप मच गया। उस वक्त 25 पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे थे। BJP नेता सत्येंद्र अवाना ने स्टीकर लाकर प्रतिमा के शिलापट पर फिर से गुर्जर लिखा है।
मिहिर भोज डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल राजेंद्र पंवार के अनुसार, सुबह 4 बजे अज्ञात युवक ने ऐसा किया। वह कौन था, यह पता नहीं चल सका। कार्यक्रम आयोजकों ने प्रतिमा के शिलापट और निमंत्रण पत्रों पर सम्राट मिहिर भोज को ‘गुर्जर’ कहकर संबोधित किया है।
दादरी कस्बे में प्रवेश के सभी रास्तों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।
करणी सेना ने दादरी कूच का ऐलान किया
करणी सेना समेत कई राजपूत संगठनों ने सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताने के खिलाफ दादरी कूच करने का ऐलान किया है। इसे लेकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुबह से अलर्ट हैं। दादरी कस्बे के सभी एंट्री-एग्जिट प्वाइंट पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है। प्रत्येक वाहन को जांच पड़ताल के बाद ही दादरी कस्बे के अंदर एंट्री दी जा रही है। कार्यक्रम स्थल के करीब 500 मीटर एरिया को कई लेयर बैरिकेड से कवर किया हुआ है।
कार्यक्रम में लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
करणी सेना का दादरी पहुंचने का आह्वान
करणी सेना समेत तमाम क्षत्रिय संगठनों ने सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताने के खिलाफ 22 सितंबर को दादरी पहुंचने का आह्वान किया है। इसे लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया गया। हालांकि, नोएडा समेत आसपास के जिलों की पुलिस ने इन संगठनों के प्रमुख नेताओं को घर पहुंचकर नजरबंद कर लिया है, ताकि वह दादरी कूच न करने पाएं। उधर, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा कह चुकी है कि अगर शिलापट से गुर्जर शब्द हटाया गया तो अच्छा नहीं होगा।
कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में मिहिर भोज से पहले गुर्जर शब्द लिखा हुआ है।
जाति हटाने या बदलने के पक्ष में नहीं भाजपा
फिलहाल दादरी से शिलापट की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज लिखा हुआ है। इसी शिलापट का मुख्यमंत्री 22 सितंबर की सुबह अनावरण करेंगे। दादरी के भाजपा विधायक तेजपाल नागर एवं जिलाध्यक्ष विजय भाटी ने इस कार्यक्रम के लिए इलाके के तमाम लोगों को निमंत्रण दिया है। निमंत्रण पत्र में भी ‘चक्रवर्ती गुर्जर सम्राट मिहिर भोज महान’ कहकर संबोधन हुआ है। इससे साफ है कि भारी विवाद के बावजूद भाजपा अब संशोधन करने के पक्ष में नहीं है।
शामली में भाजपा नेताओं ने मंगलवार को सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके शिलापट पर भी गुर्जर लिखा हुआ है।
शामली में हुआ मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण
ग्वालियर में आठ सितंबर को एक चौराहे पर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण हुआ था। इसमें उनके नाम के पहले गुर्जर लिखा गया। यहीं से प्रतिमा अनावरण को लेकर विवाद की शुरुआत हुई। इसके बाद ये विरोध मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, यूपी तक पहुंच गया। यूपी के जिला शामली के एक कस्बे में मंगलवार को मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण हुआ, इसमें भी उन्हें गुर्जर बताया गया है। इस दौरान गाजियाबाद में लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी मौजूद रहे।
ग्रेटर नोएडा के गांव घोड़ी बछेड़ा में राजपूत समाज के लोग यह बोर्ड लगाना चाहते थे, इसे लेकर भी मंगलवार को उनका पुलिस से विवाद हुआ।
दादरी के आउटर पर भारी पुलिस बल तैनात
प्रशासन को आशंका है कि दादरी में अगर क्षत्रिय पहुंचे तो वे विरोध कर सकते हैं। इसे लेकर पुलिस सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। खासकर दादरी आने वाले मार्गों के आउटर पर भारी मात्रा में पीएसी तैनात की गई है। दादरी की ओर आने वाले क्षत्रिय समाज के लोगों को रास्ते में रोकने की तैयारी है। इधर, कार्यक्रम स्थल को मुख्यमंत्री की सुरक्षा वाले कमांडो ने अपने घेरे में ले लिया है।
कस्बा दादरी के इसी कॉलेज में आज मिहिर भोज प्रतिमा का अनावरण होगा।
स्कूल के नाम का भी रोचक है इतिहास
कस्बा दादरी के मिहिर भोज डिग्री कॉलेज में यह कार्यक्रम रखा गया है, जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आना है। इस कॉलेज के नाम को लेकर भी दशकों से विवाद चल रहा है। 20 साल में कई बार नाम बदला जा चुका है।
5 अक्तूबर 1949 : तत्कालीन सीएम गोविंद बल्लभ पंत ने स्थानीय लोगों के आह्वान पर कस्बा दादरी में आकर स्कूल का शिलान्यास किया था। तब उसका नाम गुर्जर एंग्लो संस्कृत हायर सेकेंडरी स्कूल रखा गया था।
1960 : स्कूल का नाम बदलकर गुर्जर इंटर कॉलेज हो गया।
1966 : चौधरी चरण की सरकार ने कानून बनाया कि जातिवाचक शब्द से किसी संस्था का नाम नहीं होगा।
1966 : स्कूल का नाम बदलकर हिन्दी संस्कृत इंटर कॉलेज हो गया।
1972 : आम सहमति से संस्था का नया नाम मिहिर भोज इंटर कॉलेज हो गया।
1998 : तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव ने दादरी आकर मिहिर भोज डिग्री कॉलेज की आधारशिला रखी, जिसमें आज योगी आदित्यनाथ आ रहे हैं।