अगर किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं तो ये आसन आपके लिए रामबाण हैं

योग विद्या को मानव-स्वास्थ के लिए एहम माना गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, विभिन्न योगासनो के ज़रिए शरीर के अंगों को मजबूत एवं सक्रीय रखा जा सकता है। यह बाहरी शरीर के साथ साथ अंदरूनी अंगों को भी शक्ति प्रदान करता है। उदहारणत, शरीर के खून के लिए फ़िल्टर का कार्य करने वाली किडनी को मजबूत बनाए रखने के लिए उष्ट्रासन, हलासन, त्रिकोणासन और मार्जरासन उत्तम हैं।

उष्ट्रासन

सांस्कृतिक शब्द उष्ट्र का अर्थ होता है ऊँट। इस आसन से पाचन शक्ति बढ़ती है, और शरीर में लचीलापन भी आता है। इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम घुटनों के बल खड़े हो जाएं। ध्यान रखें कि इस समय घुटने कंधो के समानांतर हो, और पैरों के तलवे आकाश की तरफ हो। इसके बाद सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकते हुए अपने दाएं हाथ को दाईं एड़ी और बाएं हाथ को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस दौरान ध्यान रखें कि खींचाव नाभि पर पड़े और गर्दन निष्प्रभाव रहे। इसके बाद सांस छोड़ते हुए आसन छोड़े और सीधे हों।

त्रिकोणासन

त्रिकोणासन कमरदर्द कम करने, मोटापा घटाने, मधुमेह रोगियों के लिए प्रभावी है। इसके साथ ही यह आसन पैरों, घुटनों, एड़ियों, हाथों और वक्ष को मजबूत बनाता है। साथ ही नितम्बों, कूल्हों, जंघा की मांसपेशियों, कन्धों, वक्ष तथा रीढ़ की हड्डी में और ज्यादा खुलाव व खिंचाव उत्पन्न करने में भी यह आसान सहायक है। त्रिकोणासन से पहले वार्मअप के लिए कोणासन, वृक्षासन या कटिचक्रासन कर लें।

त्रिकोणासन के लिए सर्वप्रथम अपने दोनों पैरों के बीच एक सुविधाजनक दूरी बना लें। जिससे आपके दोनों पैर और भूमि एक न्यूनकोण का त्रिकोण बनाएं। सुनिश्चित करें कि आपके शरीर का भार केवल आपके पैरों पर हो। इसके बाद गहरी सांस लें। अब सांस को छोड़ते हुए, कूल्हे से शरीर को (जिस तरफ का पंजा न्यून कोण बना रहा हो), उस तरफ झुकाएं, और पैर के अंगूठे छूने की कोशिश करें । इस दौरान दूसरे हाथ को ऊपर की तरफ सीधा रखें।

मार्जरासन

संस्कृत शब्द मार्जरी का अर्थ होता है बिल्ली। यह आसन किडनी के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला, पेट को सुडौल बनाने के साथ साथ पेट की ग्रंथियों को सक्रीय बनाता है। इस आसन को करने के लिए अपने हाथों और घुटनों के बल एक मेज़ जैसी मुद्रा बना लें। इसके बाद कमर को नीचे की तरफ झुकाकर बिल्ली जैसी मुद्रा में आएं। इस समय अपनी ठुड्डी को ऊपर की तरफ रखें। फिर गहरी सांस लेकर छोड़ते हुए कमर को ऊपर की तरफ मोड़ें। इस समय आपकी ठुड्डी छाती की तरफ होनी चाहिए।

हलासन

हलासन किडनी को ताकत देने में मदद करता है। इसके साथ ही यह आसन कंधे, कमर, पीठ और पेट की मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाता है। इससे पैरों की मांसपेशियां भी मज़बूत होती है। वहीँ, थाइरोइड ग्रंथियों के लिए भी यह आसान लाभदायक होता है। इस आसन के लिए ज़मीन पर सीधे लेट जाएं। अपने हाथों को अपने बगल में रखें। इसके बाद अपने पैरों को उठाते हुए ज़मीन से 90 डिग्री तक ऊपर लाएं। इसके बाद अपनी कमर को भी उठाते हुए, कमर से 90 डिग्री का लंबवत बनाएं। इस क्रिया में पैर घूमकर फर्श छूने लगेंगे। कुछ समय पश्चात् धीरे धीरे वापिस सीधे हो जाएं।

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