“कल पद्मभूषण Ram Vilas Paswan की पुण्यतिथि थी : RLJP ,जीतन राम मांझी भी पहुंचे
जीतन राम मांझी और पशुपति पारस के बीच का रिश्ता राजनीतिक और पारिवारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जीतम राम मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि पशुपति पारस केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यरत थे।
Ram Vilas Paswan | 08 अक्टूबर 2024 को भारतीय सामाजिक न्याय की राजनीति के पुरोधा और दलित, वंचितों तथा पिछड़ों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले पद्मभूषण श्रद्धेय Ram Vilas Paswan जी की पुण्यतिथि मनाई गई। उनका निधन 08 अक्टूबर 2020 को हुआ था। इस विशेष अवसर पर RLJP (राम विलास पासवान) पार्टी ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें कई प्रमुख नेता और उनके परिवार के सदस्य शामिल हुए। इस आयोजन में जीतन राम मांझी भी पहुंचे, जो एक सम्मानित राजनीतिक व्यक्तित्व हैं।
जीतन राम मांझी और पशुपति पारस के बीच का रिश्ता राजनीतिक और पारिवारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जीतन राम मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि पशुपति पारस केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यरत थे। दोनों नेता राम विलास पासवान के सहयोगी रहे हैं और उनके आदर्शों का अनुसरण करते हैं। उनका उद्देश्य सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए मिलकर काम करना है। उनके संबंध में आपसी सम्मान और सहयोग की भावना है, जो बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
कार्यक्रम के दौरान राम विलास पासवान जी का पूरा परिवार उपस्थित था। उनके साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी इस खास मौके पर शामिल हुए। RLJP के कार्यकर्ताओं ने पटना में भी राम विलास पासवान की पुण्यतिथि मनाने का आयोजन किया, जिससे उनकी याद और उनके योगदान को जीवित रखा जा सके।
पशुपति पारस, जो पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, ने इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाई। उनके भतीजे प्रिंस राज पासवान, जो पूर्व सांसद रह चुके हैं और समस्तीपुर से चुनाव जीत चुके हैं, ने वहां काफी अच्छा कार्य किया है। प्रिंस राज अब राजनीति में एक उभरते हुए नेता के रूप में तेजी से पहचान बना रहे हैं। उनके कार्यों के लिए उन्हें सराहा जा रहा है।
कार्यक्रम में पशुपति पारस के बेटे यश राज और प्रिंस राज पासवान के बड़े भाई, कृष्ण राज पासवान भी शामिल थे। ये सभी नेता और उनके परिवार के सदस्य मिलकर राम विलास पासवान जी को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए थे।
Ram Vilas Paswan जी का जीवन हमेशा सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए समर्पित रहा। उन्होंने न केवल दलित और वंचित वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि उनके उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम ने उनकी यादों को ताजा किया और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थित नेताओं ने एक स्वर में यह कहा कि राम विलास पासवान जी की सोच और कार्य आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने सामाजिक न्याय की लड़ाई में जो योगदान दिया, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस मौके पर सभी ने यह भी तय किया कि हम उनके सपनों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
इस कार्यक्रम में राम विलास पासवान जी के सिद्धांतों और विचारों को याद करते हुए यह कहा गया कि उनकी शिक्षाएं हमारे समाज के लिए हमेशा प्रासंगिक रहेंगी। कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर उनके द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
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कुल मिलाकर, यह आयोजन एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया कि सामाजिक न्याय की लड़ाई जारी रहेगी और राम विलास पासवान जी की विरासत को जीवित रखा जाएगा। उनकी पुण्यतिथि पर इस तरह के कार्यक्रम उनकी शिक्षाओं और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रेरणादायक कदम हैं।
इस अवसर पर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मिलकर समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए आगे बढ़ने का संकल्प लिया। यह आयोजन एक ऐसा मंच बना जहां सबने मिलकर एकजुटता का परिचय दिया और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।