विश्व स्वास्थ्य दिवस : स्वास्थ्य अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करनी होगी – डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह

नई दिल्ली। आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है। आज का दिन भी स्वास्थ्य क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपने 75 साल पूरे कर लिए हैं। इन 75 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर कार्य और सुधार का काम किया है। इसलिए इस साल विश्व स्वास्थ संगठन पूरे दक्षिण पूर्वी एशिया और समस्त दुनिया में स्वास्थ जगत में होने वाले कल्याणों के सफल प्रयास की सराहना कर उसका जश्न मना रहा है। विश्व स्वास्थ संगठन यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के माध्यम से किफायती हेल्थ फेसिलिज को सभी लोगों के बेहतर स्वास्थ के लिए सुनिचित किया जाता है, यही इसकी प्रतिबद्धता है।

इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ में दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि 1978 में एल्मा एटा की घोषणा के पहले क्षेत्र के कई नीति निर्माताओं , उच्च स्थानीय नेताओं ने किफायती एवं व्यापक प्राथमिक चिकित्सा सेवा का महत्व समझा और इस पर अपना जोर दिया। उनका मुख्य उद्देश यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के जरिए सबकी अच्छी सेहत सुनिश्चित करवाना था। इस क्षेत्र में यूएचसी की दिशा में किए गए कार्य की पुष्टि करता है।


डॉ. पूनम खेत्रपाल कहती हैं किङ2010 से 2019 तक के दशक में क्षेत्र का यूएचसी सर्विस इंडेक्स 47 से बढ़कर 61 पर पहुंच गया, जो की अपने आप में ही एक मुकाम है। 2000 से 2017 के बीच क्षेत्र में परिवारों ( जिन्हे अपनी सामर्थ्य के दायरे से बाहर निकला कर रोग में पैसा खर्च करना पड़ता है) की संख्या 30 फीसदी से कम होकर 6 फीसदी ही रह गई है। 2014 के बाद क्षेत्र में डॉक्टर, नर्स, व मेडिकल उपकरणों की संख्या 30 फीसदी और बढ़ गई है, जो की एक बड़ी उपलब्धि है।
विश्व के 5 देश पहले से ही पांच साल की कम उम्र के बच्चों एवं नवजात शिशुओं की मृत्यु के संदर्भ में सतत विकास हासिल कर चुके हैं। सन् 2000 से 2020 के दौर में विश्व में टीबी के मरीजों में 34 फीसदी की गिरावट आई है और साथ ही साथ 2020 के अंत तक मलेरिया के कारण रूगड़ता एवं मृत्यु के लिए विश्वस्तरीय रणदनीति को तैयार कर लिया गया है। 2016 के बाद विश्व के 6 देशों में उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोग का उन्मूलन हुआ है और सभी देश गैर संचारी रोगों की रोकथाम, निदान, नियंत्राण एवं उपचार के लिए पीएचसी सेवाओं को सशक्त बनाना जारी रखे हुए हैं।

डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि सराहनीय यह है कि क्षेत्र ने अपने पोलियो मुक्त दर्जे को बरकरार रखा है जच्चा बच्चा के माध्यम से टिटनेस की सार्वजनिक समस्या का समाधान जारी रखा।क्षेत्र के 5 देशों में मीजल्स/ खसरा, दो में रुबेला का उन्मूलन हो चुका है व चार देशों में वैक्सीनेशन के जरिए हेपेटाइटिस बी पर नियंत्रण पा लिया गया है।

डॉ. पूनम कहती हैं कि क्षेत्र को अभी तमाम उपलब्धियां हासिल करनी है, आज के समय में कोविड 19 के बाद से क्षेत्र में तकरीबन 40 फीसदी लोग जरूरी स्वस्थ्य सेवा से वंचित हैं। सन् 2017 के दौरान करीब 299 मिलियन लोगों को स्वाथ्य सेवाओं पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ा और इसके चलते तकरीबन 117 मिलियन लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए, यकीनन यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। फर्स्ट एड सेवाओं के लिए 2021 रणनीति तथा कोविड के बाद क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर सरकार व समाज को एक जुट हो कर काम करना पड़ेगा, यह सभी की मूल जिम्मेदारी है जिसके लिए सभी को योगदान देना होगा।
उन्होंने कहा कि अगर उच्य स्तरीय नेताओं को यूएचसी को हासिल करना हो तो उन्हें अपनी राजनीतिक एवं वित्तीय प्रतिबद्धताओं को मज़बूत बनाना होगा और इस साल सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली से पहले प्रयासों में तेज़ी लानी होगी। कोविड 19 की महामारी के बाद यूएचसी में निवेश करना मतलब स्वास्थ्य सेवाओं, सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा को सशक्त करना है।
डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह कहती हैं कि प्रोग्राम मैनेजरों और नीति निर्माताओं को पीएचसी के लिए क्षेत्र रणनीति पर काम करना जारी रखना होगा। इसके तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं, फाइनेंसिंग, और कार्य बल को सशक्त बनाना जरूरी है। शेयर्ड लर्निंग को प्राथमिकता देनी होगी, साथ ही में पीएचसी उन्मुख स्वास्थ्य प्रणाली के लिए क्षेत्र के नए फोरम की पूर्ण क्षमता का लाभ उठाना होगा।
डॉ. पूनम ने कहा कि संपूर्ण समाज के स्वास्थ्य अधिकारों के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करनी होगी, इसमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले नीति निर्माता भी शामिल हैं। जैसा कि 2021 में विश्व स्वाथ्या संगठन द्वारा यूएचसी की सामाजिक भागीदारी पर जारी पुस्तक में कहा गया है – स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं एवं नीति निर्माताओं के साथ साथ आम लोग एवं समुदाय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
क्षेत्र के सभी दानदातों व अन्य हितधारकों को समाज के अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह समझना होगा की यूएचसी और पीएचसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। सभी देशों में नीति निर्माताओं और साझेदारों को इसके लिए जरूरी सहयोग प्रदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी 75वे स्थापना दिवस का जशन मना रहा है, जिसके लिए एक जुट हो कर आइए संकल्प ले की यूएचसी के साथ मिल कर अच्छे स्वास्थ्य लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान देंगे और निश्चय करें की सभी लोग शांति, स्वास्थ्य, समृद्ध जीवन जिएं।

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