मिशन चन्द्रयान अधूरा रहा मगर देश विदेश से आईं भावुक प्रतिक्रियाओं ने भर दी आंख
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन को चन्द्रमा के दक्षिणी हिस्से पर पहुँचने के चंद्रयान 2 मिशन के आखिरी पड़ाव पर एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। ISRO के ज़मीनी स्टेशन ने चंद्रमा पर उतरने से पहले Chandrayaan 2 लैंडर के साथ संपर्क खो दिया। इसके बाद पूरे देश में जहाँ एक निराशा का माहौल था, वहीँ सब लोग इस मिशन में अब तक मिली सफलताओ के लिए संस्थान के वैज्ञानिको का हौंसला बढ़ा रहे हैं। इस हौसला-अफ़ज़ाई में राजनीतिक नेताओं के साथ ही विदेशी संस्थान भी शामिल हैं।
इसरो का लैंडर से संपर्क टूटने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि ”चंद्रयान-2 मिशन के साथ इसरो की समूची टीम ने असाधारण प्रतिबद्धता और साहस का प्रदर्शन किया है। देश को इसरो पर गर्व है।” उन्होंने कहा, ”हम सभी सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हैं।” इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) ने कहा कि यह सफर थोड़ा लंबा जरूर हुआ है लेकिन आने वाले कल में सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि ‘हम इसरो और इससे जुड़े पुरुषों एवं महिलाओं के ऋणी हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने भारत को अंतरिक्ष की दुनिया में अग्रणी देशों की कतार में शामिल कर दिया है और आगे की पीढ़ियों को प्रेरित किया है कि वे सितारों तक पहुंचे।’ उन्होंने आगे कहा,’यह हमारे वैज्ञानिकों की उल्लेखनीय क्षमता, ख्याति और हर भारतीय के दिल में उनके लिए खास जगह होने का प्रमाण है।’ इसके आगे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने कहा, ‘चंद्रयान का सफर थोड़ा लंबा जरूर हुआ है लेकिन इसरो का इतिहास ऐसी मिसालों से भरा पड़ा है कि नाउम्मीदी में उम्मीद पैदा हुई। वे कभी हार नहीं मानते। मुझे कोई संदेह नहीं है कि हम वहां पहुंचेंगे, भले ही आज नहीं पहुंच पाए, लेकिन कल हम जरूर पहुंचेंगे।’ वहीँ प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi) ने ट्वीट किया कि, ‘हमें इसरो टीम में प्रत्येक पर गर्व है। असफलता यात्रा का एक हिस्सा है। उसके बिना कोई सफलता नहीं मिलती है। पूरा देश आपके साथ खड़ा है और आप पर विश्वास करता है।’
विदेश ने भी की सराहना
मशहूर बलोच नेता और पत्रकार तारिक फतेह(Tarek fateh) ने इसरो प्रमुख डॉ. के सिवन को इस अभियान के लिए शुक्रिया कहा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘तो क्या हुआ अगर विक्रम से हमारा संपर्क टूट गया तो। इंशाअल्लाह ISRO अगली बार हमें वहां लेकर जाएगा… जय हिंद!’ वहीँ NASA के एस्ट्रोनॉट रह चुके जेरी लिनेगर(Jerry Linenger) ने भी इसे भारत के लिए एक बड़ी जीत बताया। लेनिंगर ने “मुश्किल” चंद्र लैंडिंग का प्रयास करने के लिए इसरो को बधाई भी दी। उन्होंने कहा ‘चंद्र सतह पर चंद्रयान -2 के विक्रम मॉड्यूल के लिए भारत के “साहसिक प्रयास” से सीखे गए सबक देश को उनके भविष्य के अभियानों के दौरान मदद करेंगे।’ उन्होंने कहा कि “हमें बिलकुल भी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। भारत कुछ बहुत, बहुत ही कठिन करने की कोशिश कर रहा था। और लैंडर के नीचे आने तक सब कुछ योजना के अनुसार ही चल रहा था।’ उन्होंने इसके बाद आने वाले समय में इस मिशन पर भारत की प्रगति के लिए उत्सुकता दिखाई। उन्होंने कहा “मैं इस साहसिक प्रयास से सीखे गए सबक के आधार पर भविष्य में पूर्ण सफलता देखने के लिए उत्सुक हूं।” अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष विश्लेषक लिनेजर ने कहा कि कुल मिलाकर भारत का यह मिशन “सफल” रहा है।