दिल्ली : महिला आयोग ने तीन नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करी के रैकेट से मुक्त कराया
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने स्वरूप नगर इलाके से तीन नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करी के रैकेट से मुक्त कराया है। आयोग की 181 हेल्पलाइन पर अज्ञात व्यक्ति ने अपने इलाके में चल रही संदिग्ध गतिविधियों से आयोग को अवगत कराया था। व्यक्ति ने बताया कि उसके घर के पास एक घर में नाबालिग लड़कियों को लाया जाता है और वहां से उन्हें बेचा दिया जाता है। आयोग की टीम पुलिस के साथ शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए पते पर पहुंची और वहां टीम ने पाया कि कुछ लोग वहां बैठकर शराब पी रहे थे और घर में तीन लड़कियां भी मौजूद थीं। टीम को देखकर लड़कियां डर गईं और भागने का प्रयास करने लगीं। टीम ने लड़कियों की काउंसलिंग की और उनसे बात करने पर पता लगा की तीनों लड़कियां झारखण्ड की मूल निवासी हैं और अलग अलग कारणों से दिल्ली लाई गयीं थी। सभी बच्चियों और घर में उस वक्त मौजूद लोगों को स्वरूप नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया। सभी लड़कियों ने बताया कि उन्हें झारखंड से दिल्ली काम के बहाने लाया गया था। लड़कियों का मेडिकल करवाया गया और उसके बाद उन्हें शेल्टर होम में रखवाया गया। लड़कियों को उसके बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिस पर समिति ने पुलिस को मामले में केस दर्ज करने और संबंधित एसएचओ से एटीआर भी मांगी है। मामले में पुलिस का रवैया काफी असंतोषजनक रहा। पुलिस के इस मामले में केस न दर्ज करने के कारण दिल्ली महिला आयोग ने भी पुलिस को नोटिस भेजा है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन दिल्ली की महिलाओं की निष्काम भाव से सेवा कर रही है। बड़ा दुख होता है जब पुलिस ऐसे गंभीर मामलों में भी समय पर केस दर्ज नहीं करती है। दिल्ली में चल रहे मानव तस्करी के हज़ारों रैकेट पर हमने चोट की है। अब तक हज़ारों बच्चियों को इन रैकेट्स से बचाया गया है। हम इसी तरह आगे भी काम करते रहेंगे। साथ ही देश मे मानव तस्करी को रोकने के लिए सभी सरकारों को एक साथ आने और एक सांझा प्रयास करने की आवश्यकता है।