महिला पहलवानों ने घुटने नहीं टेके ,मोदी सरकार करती रही संसद का उद्घाटन!
नई दिल्ली– देश की राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का गवाह पूरा देश बना। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में एक ऐसी घटना भी हो गई, जिस पर पूरा देश अफसोस जता रहा है। सड़कों पर रोती बिलखती देश की बेटियों की तस्वीरें लोगों को परेशान कर रही हैं।
दरअसल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन आरोपों के खिलाफ पिछले 36 दिनों से धरने पर बैठे पहलवान अचानक नए संसद भवन की ओर पर निकल पड़े।फिलहाल, दिल्ली पुलिस के जवान प्रदर्शन कर रहे पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत हिरासत में लेने के बाद धरनास्थल यानी जंतर मंतर पहुंच गई है। दिल्ली पुलिस द्वारा धरनास्थल से भी को हटाया दिया गया है। इतना ही नहीं, पहलवानों के घटनास्थल से उनके टैंट और तंबुओं को भी हटाने का काम जारी है। पुलिस के इस रुख से साफ है अब पहलवान जंतर मंतर पर दोबारा धरने पर नहीं बैठ पाएंगे।
इस दौरान पहलवान बजरंग पूनिया ने पुलिस की कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया है। उन्होंने मीडिया से कहा कि वे शांति पूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे थे। यह उनका अधिकार है। उधर, महिला पहलवानों साक्षी मलिक और वीनेश फोगाट ने भी आरोप लगाए हैं कि पुलिस ने उनके साथ अभद्रता और बदतमीजी की है। उनके साथ धक्का मुक्की की है।
सड़कों पर जबरन घसीटा गया ।इसके अलावा अब किसान भी पहलवानों के समर्थन में उतर आए हैं। किसानों का कहना है कि 11 मई को देशभर में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण का पूतला फूंकेंगे। पहलवान लगातार बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
*पहलवानों ने सरकार को दे रखी थी 21 मई की डेडलाइन:*
पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए 21 मई तक डेडलाइन दी थी।पहलवानों के इस आंदोलन को देखते हुए दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवान जंतर मंतर पर कैंडल मार्च भी निकाल चुके हैं।पहलवान लगातार यही मांग कर रहे हैं कि बृजभूषण पर कार्रवाई की जाए।इसके साथ ही बृजभूषण का कहना है कि अगर मेरे खिलाफ सबूत मिले तो मैं फांसी लगा लूंगा।वहीं किसानों ने भी अब देशभर में बृजभूषण का पूतला फूंकने की ठान ली है
*जानें क्या है पूरा मामला?*
दरअसल, पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।उन्हीं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवानों ने धरना दिया है। पहलवानों का कहना है कि हम जानते हैं कि बिना जांच के पुलिस को किसी को गिरफ्तार करने के लिए नहीं कर सकती।पीड़ितों को पहले अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी, इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट से नाराज नहीं हैं।उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने में मदद की और जांच का काम पुलिस का है।आपको बता दें कि नए संसद भवन की ओर कूच कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों को पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान पहलवानों ने जमकर हंगामा किया। संसद भवन की मार्च पर अड़े पहलवानों ने जंतर मंतर पर बैरिकेड तोड़ने का भी प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और पहलवानों ने के बीच झड़प भी हुई। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने कई पहवानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
एक ट्वीट में साक्षी मलिक ने कहा था , “पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा।दूसरी तरफ़ पहलवानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे किसान संगठनों ने भी लड़ाई तेज़ करने का दावा भी किया ।उत्तर प्रदेश से दिल्ली को जोड़ने वाले ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया।राकेश टिकैत ने कहा, “इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा कि जिस दिन नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था उसी दिन महिला पहलवानों का अपमान भी हुआ था।
एक ट्वीट में साक्षी मलिक ने कहा, “पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा।दूसरी तरफ़ पहलवानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे किसान संगठनों ने भी लड़ाई तेज़ करने का दावा किया है।उत्तर प्रदेश से दिल्ली को जोड़ने वाले ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया।राकेश टिकैत ने कहा, “इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा कि जिस दिन नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था उसी दिन महिला पहलवानों का अपमान भी हुआ था।
एक तरफ नई संसद का उद्घाटन और दूसरी तरफ खिलाड़ियों के विरोध को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा, “खिलाड़ियों के छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं।उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है। बीजेपी सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है।ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत कई नेताओं ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है।राहुल ने ट्वीट कर कहा, “संसद लोगों की आवाज है। प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “राज्याभिषेक पूरा हुआ- ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज।