महिला आरक्षण बिल

WOMEN RESERVATION BILL PASSED IN LOK SABHA DURING SPECIAL SESSION IN 2023 SEPTEMBER ...

संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम, 2023, लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में महिलाओं के लिए सभी सीटों में से एक तिहाई सीटें आरक्षित करता है, जिसमें एससी और एसटी के लिए आरक्षित सीटें भी शामिल हैं।
आरक्षण अधिनियम के प्रारंभ होने के बाद आयोजित जनगणना के प्रकाशन के बाद प्रभावी होगा और संसदीय कार्रवाई द्वारा निर्धारित संभावित विस्तार के साथ 15 साल की अवधि तक रहेगा।
प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद महिलाओं के लिए आवंटित सीटों का चक्रण संसदीय कानून द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
वर्तमान में, 17वीं लोकसभा (2019-2024) के कुल सदस्यों में से लगभग 15% महिलाएं हैं, जबकि राज्य विधानसभाओं में, कुल सदस्यों में औसतन 9% महिलाएं हैं।
संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने के उद्देश्य से संवैधानिक संशोधन 1996, 1998, 1999 और 2008 में प्रस्तावित किए गए थे।
पहले तीन विधेयक (1996, 1998, 1999) तब समाप्त हो गए जब उनकी संबंधित लोकसभाएँ भंग हो गईं।
2008 का विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया और उसे मंजूरी दे दी गई, लेकिन 15वीं लोकसभा भंग होने पर यह भी समाप्त हो गया।
हालाँकि, वर्तमान मामले में, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित “ट्रिपल टेस्ट” का पालन करना आवश्यक होगा।
1996 के विधेयक की संसद की संयुक्त समिति द्वारा जांच की गई, जबकि 2008 के विधेयक की कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति द्वारा जांच की गई।
दोनों समितियों ने महिलाओं के लिए सीट आरक्षण के विचार का समर्थन किया। उनकी कुछ सिफ़ारिशों में शामिल हैं:
उचित समय पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण पर विचार
बाद की समीक्षाओं के साथ 15 साल की अवधि के लिए आरक्षण लागू करना
राज्यसभा और राज्य विधान परिषदों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने की योजना तैयार करना।
संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 19 सितंबर, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए सीटों की कुल संख्या का एक तिहाई आरक्षित करने का प्रावधान है।
जब यह (महिला आरक्षण ) बिल लोक सभा में 20 सितंबर 2023 को पास हुआ । उसके अगले दिन 21 सितंबर को लोक सभा सांसदों ने इस बिल की पास होने की खुशी साहिर करी। जो अनुभवी सांसद और नेता थे उनका खुश होना जाहिर था । जो नए युवा सांसद भी इसकी खुशी जाहिर करते हुए नजर आए जैसे की 2019 में समस्तीपुर से जीत कर आए सांसद प्रिंस राज पासवान उन्होंने ने अपने भाषण में कुछ ऐसा कहा जिसे लोक सभा में बैठे लोगो ने उनकी बातो को सेहराया और उन्हे भी शुभकामनाए मिली । उन्होंने कहा –
” क्योंकि यह बिल पास हो गया हैं इसे संसद में भी जो महिलाओं की कमी थी वोह भी आने वाले वक्त में पूरी हो जायेगी । जो महिलाएं होती हैं वोह सिर्फ घर में सिर्फ हाउसवाइफ के तौर पर सिर्फ खाना बनाने तक सीमित नहीं हैं । एक और सचायी हैं जो लोग समझ नही पाते हैं। जो घर की महिला होती हैं , वोह महिला उस घर की (Home minister )होम मिनिस्टर होती हैं , ( Finance minister )फाइनेंस मिनसिटर होती हैं , (Health minister ) हेल्थ मिनिस्टर होती हैं , वोह महिला उस घर की एक (supportive system )सपोर्टिव सिस्टम होती हैं , ( food minister )फूड मिनिस्टर होती हैं “। ऐसे ही काफी सारे युवाओं नेता ने संसद में Women Reservation Bill लोक सभा में  पास होने पर एक दुसरे को बधाई दी । इस बिल की पास होने की खुशी को जाहिर करते हुए , चिराग पासवान , सुप्रिया सुले , अमित शाह , अनुराग ठाकुर , नरेंद्र मोदी जैसे बड़े नेता भी दिखे ।

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