मध्यप्रदेश के अशोक नगर में दिल दहलाने वाला मामला, नवजात का शव लेकर एडीएम दफ्तर पहुंची महिला
- जिला अस्पताल में एक बार फिर संवेदनाएं हुईं तार तार,
- नवजात का शव लेकर जन सुनवाही में पहुची महिला
- पूर्व में भी लापरवाही के लगते रहे है आरोप
- अपर कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
अशोकनगर के जिला अस्पताल में लापरवाही का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा है | यह मामला मंगलवार का है जब एक नवजात का शव लेकर उसकी मां जनसुनवाई में पहुंची और अपर कलेक्टर के सामने महिला ने बच्चे का शव रख दिया । महिला का आरोप है कि पिछले 7 दिन से नवजात शिशु गहन इकाई में भर्ती था। परिजन लगातार डॉक्टर से बच्चे से मिलने की गुहार लगाते रहे, किंतु 7 दिन में एक भी बार ना तो बच्चे से मिलने दिया और ना ही उसको दूध पिलाने दिया | जब बच्चे की मौत हो गई तो उसके शव को उन्हें सौंप दिया गया।
महिला ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उसके बच्चे की मौत हुई है |
बतादे की-अशोकनगर के छीर खेड़ा निवासी कमलेश पत्नी नरेश अग्रवाल को शासकीय अस्पताल में 31 दिसंबर को डिलीवरी हुई थी | बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उसे गहन चिकित्सा उपचार इकाई में भर्ती कर दिया गया था और अब बच्चे की मौत हो गई । डॉक्टर के अनुसार बच्चे का स्वास्थ्य लगातार खराब होता जा रहा था | जिसके लिए परिजनों को बाहर ले जाने के लिए रेफर भी किया गया था किंतु परिजनों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया ।
जबकि परिजनों का कहना है कि इस तरह की कोई बात उनसे नहीं की गई थी क्योंकि वह पढ़े-लिखे नहीं है जिसके चलते डॉक्टर ने उनसे लगातार कई कागजों पर दस्तखत करवाए | लेकिन उनसे कभी भी मौखिक रूप से बच्चों को बाहर ले जाने की बात नहीं की।
पूर्व में भी इस तरह के मामलों में लगातार शिकायतें आती रही है, जिसको लेकर एक बार प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी अस्पताल प्रबंधन को काफी डांट फटकार लगाई थी | तो वहीँ महिला आयोग की टीम भी अस्पताल प्रबंधन की लगातार लापरवाही को लेकर अस्पताल में जांच भी कर चुकी है |