स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में आने से क्या RLD की सीटों के बंटवारे में लगेगा विराम
जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सीटों का बंटवारा बनी समस्या
गाजियाबाद. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी के साथ सीटों के बंटवारे में समय लग सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्य पिछड़े वर्ग के नेता हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर पिछड़ा वर्ग निर्णायक भूमिका में रहता है। इसलिए सपा आरएलडी के साथ सीटों का बंटवारा इस वर्ग को ध्यान में रखकर करेगी।
आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है, सिर्फ घोषणा होनी बाकी है. पार्टी के सूत्रों के अनुसार आरएलडी की ओर से 13 जनवरी तक नाम फाइनल किए जाने थे, लेकिन अब इसमें थोड़ा समय लगना तय माना जा रहा है। सपा पिछड़े वर्ग को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सीटों का बंटवारा आरएलडी के साथ करेगी। जानकार बताते हैं कि मौर्य के आने से भाजपा के वोट पर भी सेंध लग सकती हैं। सपा और आरएलडी के गठबंधन के बाद आरएलडी को दी जाने वाली मुरादाबाद, अलीगढ़,अमरोहा, आगरा,रामपुर, बिजनौर जिलों की कुछ सीटों पर बदलाव किया जा सकता है।
आरएलडी के गढ़ बागपत जिले की तीनों सीटें रालोद के पास
आरएलडी पार्टी के सूत्रों ने बताया की रालोद 36 से 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अधिकांश सीटें फाइनल हो चुकी हैं। आरएलडी के गढ़ बागपत जिले की तीनों सीटें रालोद के पास रहेंगी। इनमें छपरौली, बागपत व बड़ौत हैं। मुजफ्फरनगर जिले की सिर्फ चरथावल सीट सपा को छोड़ी जा सकती है, बाकी अन्य सीटें आरएलडी के खाते में जाने की पूरी संभावना है। मुजफ्फरनगर की चरथावल को छोड़कर अन्य सीट आरएलडी के पास जा सकती हैं। मेरठ में सिवालखास रालोद के पास बताई जा रही है। जबकि कैंट में पंजाबी समाज के एक कद्दावर नेता आरएलडी अपने खेमे में शामिल करने के लिए जुटे हुए हैं।
बड़े नाम को चुनाव लड़ाने की तैयारी
इसके साथ ही, सरधना आरएलडी को मिलती है तो यहां भी आरएलडी गुर्जर बिरादरी के एक बड़े नाम को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। शामली में शामली व थाना भवन आरएलडी के पास जानी बताई जा रही हैं। सहारनपुर में गंगोह आरएलडी पर है, देवबंद के लिए खींचतान चल रही है। हापुड़ आरएलडी पर है, गढ़ सीट पर खींचतान अभी भी है।