गोवा विधानसभा चुनाव से पहले CM सावंत की होगी छुट्टी? AAP के दावे पर BJP ने कही ये बात

आम आदमी पार्टी (आप) ने यह दावा किया है कि अगले साल होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को हटा दिया जाएगा क्योंकि पार्टी नेतृत्व उनके प्रदर्शन से नाखुश है। हालांकि, भाजपा ने ‘आप’ के इस दावे को खारिज करते हुए राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की में किसी भी तरह की अटकलों से इनकार किया है।

जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया है कि उसे अपने ”विश्वस्त सूत्रों” से पता चला है कि गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को बदल देगी क्योंकि लोग उनके नेतृत्व वाली सरकार के प्रदर्शन से नाखुश हैं। पार्टी मुख्यालय में शनिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि भाजपा नया मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय कर चुकी है क्योंकि भगवा दल अब यह समझ चुका है कि सावंत के नेतृत्व में चुनाव में जाना कठिन होगा।

सिसोदिया ने कहा कि प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली राज्य सरकार से गोवा के लोग नाखुश हैं क्योंकि मौजूदा प्रशासन अपने कार्यकाल में विभिन्न मोर्चों पर विफल साबित हुआ है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि हमें विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि भाजपा गोवा में चुनाव से दो-तीन महीने पहले वहां के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को बदलने जा रही है।

‘आप’ नेता ने कहा कि भाजपा चाहे नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर ले, लेकिन उनकी ही पार्टी गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों में जीतेगी। उन्होंने कहा कि केवल चेहरा बदल देने से लोगे धोखे में नहीं आएंगे। मौजूदा मुख्यमंत्री को हटा कर किसी और प्रदेश का मुख्यमंत्री बना देने से लागों के मूड में कोई बदलाव नहीं आएगा। आसन्न विधानसभा चुनाव में लोग आम आदमी पार्टी को जनादेश देंगे।

सिसोदिया ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए गिनाया और कहा कि जब प्रदेश में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही थी तब ये लोग आराम से बैठे थे। ‘आप’ नेता ने आरोप लगाया कि इसका परिणाम यह हुआ कि संक्रमण दर 50 प्रतिशत पर पहुंच गई जो देश में सबसे अधिक है। कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए गोवा की पंचायतों को लॉकडाउन लगाना पड़ गया।

भाजपा पर निशाना साधते हुए सिसोदिया ने आरोप लगाया कि गोवा सरकार पर दस हजार युवाओं को नौकरी देने और कोरोना योद्धाओं का वेतन 20 प्रतिशत बढ़ाने का झूठा वादा किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गोवा सरकार प्रदेश में अपराधों में हो रही वृद्धि पर लगाम लगाने में विफल रही है।

गोवा भाजपा अध्यक्ष ने किया ‘आप’ के दावे का किया खंडन

गोवा भाजपा के अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े ने राज्य में नेतृत्व में किसी भी परिवर्तन से इनकार किया है। उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री सावंत और अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि नेतृत्व में परिवर्तन का कोई प्रस्ताव नहीं है। दिल्ली में शुक्रवार को हुई बैठक में आगामी गोवा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ही गोवा को विकास का नया मॉडल करार दिया और सावंत नीत राज्य सरकार की सराहना की है।

तनवड़े ने ट्वीट कर कहा कि गोवा में नेतृत्व परिवर्तन से संबंधित मनीष सिसोदिया जी का बयान इतना ही हास्यास्पद है जितना यह कहना कि आम आदमी पार्टी जल्द ही अरविंद केजरीवाल जी को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटा देगी। वहीं, गोवा भाजपा के प्रवक्ता उर्फान मुल्ला ने कहा कि आम आदमी पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल के सामने जमानत जब्त होती हुई दिख रही है।

2017 के चुनाव में ‘आप’ को मिले थे 6.27 प्रतिशत वोट

गौरतलब है कि गोवा में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ‘आप’ ने यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। गोवा में जड़ें जमाने के लिए 2017 में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी ‘आप’ को 57,420 अर्थात 6.27 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन सीट एक भी नहीं मिल सकी थी। गोवा में विधानसभा की 40 सीटें हैं।

बता दें कि बीते महीने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गोवा में रोजगार से संबंधित कई लोक-लुभावने वादे किए थे। केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी अगर सत्ता में आती है तो गोवा के हर घर में एक युवा को रोजगार देने की व्यवस्था करेगी। जब तक बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं मिलती, उन्हें 3,000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में 80 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था। इसके साथ ही पर्यटन और खनन व्यवसायों में लगे परिवारों के लिए भी 5,000 रुपये मासिक भत्ता देने का वादा किया था, जब तक कि उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो जाता।

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