मशरूम की खेती करने से किसान का हुआ ये हाल, जानकर होंगे हैरान
देश का अन्नदाता किसान आज खेती में इस्तेमाल होने वाली हर चीज महंगी होने के कारण खेती से घाटे की शिकायत करता रहता है।दरअसल ज्यादातर किसान आज भी पारंपरिक खेती जैसे गेंहू,धान,गन्ना,मक्का,सरसो की ही खेती कर रहे हैं।कुछ नया नही कर पा रहे हैं।यही कारण है कि ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती से घाटा होने की बात कहते हैं।लेकिन जो किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ तकनीकी खेती भी कर रहे हैं वह आज लाखों रुपए कमा रहे हैं।जनपद सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक के किसान शुभम खटाना ने पारंपरिक खेती से लगातार हो रहे घाटे से निराश होकर राज्य सरकार का दरवाजा खटखटाया और राज्य सरकार की सहायता लेकर पारंपरिक खेती के साथ-साथ मशरूम की खेती की शुरुआत की।आज किसान शुभम खटाना सरकार के सहयोग से शुरू की गई इस खेती से लाखों रुपए कमाने का काम कर रहा है और लगभग एक दर्जन लोगों को रोजगार देने का भी काम कर रहै हैं।प्रगतिशील किसान शुभम खटाना का कहना है कि इस खेती को करने के लिए 16 से 18 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।सर्दी में तो इस खेती को ज्यादातर किसान कर लेते हैं लेकिन गर्मी में इस खेती को करना बहुत मुश्किल होता है।इसके लिए ए.सी प्लांट की आवश्यकता होती है।उन्होंने बताया कि सन 2019 में उन्होंने सरकार के सहयोग से अपने खेत में मशरूम की खेती करने के लिए दो ए.सी प्लांट लगाए। मार्च सन 2020 में उनकी यह फसल तैयार हो गई लेकिन तभी लॉकडाउन लग गया।
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किसान का कहना है कि लॉकडाउन के पीरियड में उनकी फसल की कहीं भी कोई बिक्री नहीं हुई और उन्हें घाटा सहन करना पड़ा।लॉक डाउन के पीरियड में उन्हें अपनी इस खेती को बंद करना पड़ा। लेकिन जब लॉकडाउन का प्रभाव कम होना शुरू हुआ तो उन्होंने फिर से इस खेती की शुरुआत की और अच्छा भाव होने से काफी मुनाफा कमाया।किसान शुभम खटाना का कहना है की आज 80 से 100 रुपये किलो मशरूम बिक रहा है। आने वाले कुछ दिनों में इसका रेट 150 रुपये से 180 रुपये किलो हो जाएगा क्योंकि गर्मियों में इस फसल का रेट बढ़ जाता है।किसान का कहना है कि इस खेती से वह सरकार से जो सहयोग लिया है उसकी किस्त भी आसानी से दे रहे हैं।मजदूरों की मजदूरी भी आसानी से दे रहे हैं और स्वयं भी लाखों रुपए का मुनाफा कमाने का काम कर रहे हैं।प्रगतिशील किसान का कहना है कि उन्होंने इस खेती के लिए दो ए.सी प्लांट लगाए हुए हैं और 12 महीने उनके यहां पर यह फसल उगती है।किसान शुभम खटाना का कहना है कि आज के समय में जिस तरह से खेती के खर्चे बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ तकनीकी खेती करने की भी आवश्यकता है।तकनीकी खेती में मुनाफे की ज्यादा संभावनाएं हैं।