वन्य प्राणियों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा, मैदानी अमले को किया गया हाई अलर्ट
पन्ना, कोरोना वायरस के संक्रमण का कहर शहरों के साथ-साथ अब ग्रामों में भी दिखने लगा है, इससे वन्य प्राणियों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि कोरोना कर्फ्यू लगने के साथ ही 16 अप्रैल से पन्ना टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के भ्रमण पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि टाइगर रिजर्व में बाघों की सतत मॉनिटरिंग की व्यवस्था शुरू से ही लागू है। कैमरा ट्रैप से भी मॉनिटरिंग होती है, जिसकी साप्ताहिक रिपोर्ट आती है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को जारी की गई एडवाइजरी में संक्रमण से एक शेर की मौत का जिक्र है, लेकिन यह मौत कहां हुई है। इसका खुलासा नहीं किया गया है।
श्री शर्मा ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में तीन गांव ढोढन, पलकोंहा व खरियानी आते हैं, जहां आवागमन पर पूरा नियंत्रण हमारे पास है। इन ग्रामों में बाहरी कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता। लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे लगभग आधा सैकड़ा ग्रामों में विशेष निगरानी की जरूरत है, जिसके लिए वन अमले को जहां सतर्क किया गया है वहीं ग्रामीणों को भी इस बाबत जागरूक किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में एक सैकड़ा से भी अधिक गांव हैं।
po उन्होंने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के 45 वर्ष से ऊपर के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हो चुका है। मैदानी वन कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर प्रदान किया जा रहा है। बफर क्षेत्र के ग्रामों में जो वन अमला रहता है, उन्हें संक्रमण से बचाव हेतु सभी जरूरी उपाय करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 45 वर्ष से कम आयु वाले वनकर्मियों जो निटरिंग के कार्य में रहते हैं, उन्हें वैक्सीन लगवाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे वन्य प्राणियों के संपर्क में आने से बचें तथा बंदरों एवं अन्य वन्य प्राणियों को किसी भी तरह का खाद्य पदार्थ नहीं खिलायें, ऐसा करना अपराध है।