केरोसीन डालकर जिंदा जला दिया पत्नी को, पति को हुई उम्रकैद की सजा
पत्नी पर केरोसीन डालकर जिंदा जलाने वाले पति को उम्रकैद,पूरी ख़बर जानकर उड़ जाएंगे होश!
अशोक कुमार सरकाघाट, जिला अपर गाहर का निवासी, एक दिन अपनी पत्नी सुमित्रा के साथ बड़ी बहस हुई। बहस इतनी तेज हो गई कि अशोक ने खुद को संभाल नहीं पाया और उसने केरोसीन को अपनी पत्नी पर फेंक दिया।
अशोक का यह क्रोधपूर्ण कृत्य लोगों के दिलों में आज भी घटना के रूप में बसा है। उस दिन की रात, सुमित्रा को हुई जलाकर मौत उस घटना की सच्चाई को उजागर कर दी।
न्याय की दुनिया ने इस घटना के समर्थन में साबित होते हुए अशोक कुमार को जीवनदंडी के प्रति दोषी ठहराया। न्यायाधीश डॉ. अबीरा वासू ने अपने अधिकार में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
यह घटना समाज में गहरी छाप छोड़ गई है, और लोग अब भी इसे एक साहसिक और दुखद घटना के रूप में याद करते हैं। इससे उजागर होता है कि क्रोध और हिंसा का उपयोग कितना नुकसानप्रद हो सकता है और कैसे व्यक्ति की बेहद गलत निर्णय की सजा भी मिल सकती है।
अपर गाहर के शांत और सुसंगत माहौल में जीवन चल रहा था। लोग अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त थे, जब एक दिन शहर में एक घटना ने सबकी जिंदगी को हिला दिया।
अशोक कुमार और उसकी पत्नी सुमित्रा के बीच एक बड़ी बहस हुई। इस बहस का कारण क्या था, यह कोई नहीं जान पाया, लेकिन बहस इतनी तेज हो गई कि अशोक का क्रोध उसके नियंत्रण से बाहर हो गया। वह जब अपनी पत्नी के खिलाफ इतना बड़ा कदम उठा, तो उसका समय पूरी तरह से अवश्य हो गया। उसने बिना सोचे-समझे केरोसीन की बोतल से उसको जलाने की कोशिश की।
भयानक घटना के बाद, सुमित्रा की मौत की खबर शहर में फैल गई। लोग चौंक गए, और सरकाघाट पुलिस तत्काल कार्रवाई में उतर आई। उन्होंने अशोक को गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच शुरू की। समय के साथ, सच्चाई सामने आई और 30 गवाहों ने अपने बयानों में उस दिन की घटना को कलमबद्ध किया।
मामले की पैरवी में जिला उपन्यायवादी राजीव शर्मा ने सुनवाई की। बचाव और अभियोजन पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं, लेकिन न्यायिक समिति ने उस दिन के वाकये की सच्चाई को मानते हुए अशोक कुमार को दोषी करार दिया। वे न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
इस घटना ने शहर में गहरी छाप छोड़ी। यह दिखाया कि क्रोध और हिंसा की स्थितियों को कितना नुकसान पहुंचा सकता है और यह कैसे एक व्यक्ति की जिंदगी को बदल सकता है। इसका सबक हमें यह सिखाता है कि हर समस्या का समाधान शांति और समझदारी से होना चाहिए, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ और नहीं हों।