कैप्टन के समर्थन में उतरे सिब्बल जानिए क्या कहा?
कहा- कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं यह सोचने की जरूरत; पार्टी में स्थाई अध्यक्ष नहीं, पता नहीं कौन फैसले ले रहा
पंजाब की कांग्रेस सरकार में चल रहे संकट को लेकर अब वरिष्ठ कांग्रेसी कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताई है। पार्टी की लीडरशिप पर सवाल उठा चुके सिब्बल ने कहा, ‘कांग्रेस का कोई इलेक्टेड प्रेसिडेंट नहीं है, पर फैसला कोई न कोई तो ले ही रहा है ना। गलत हो, सही हो.. ये चर्चा वर्किंग कमेटी में होनी चाहिए। लोग पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं, ये सोचने की जरूरत है।’
सिब्बल ने कहा, ‘हम G-23 हैं, निश्चित तौर पर जी हुजूर-23 नहीं हैं। हम मुद्दे उठाते रहेंगे। मैं आपसे कांग्रेस के उन लोगों की तरफ से बात कर रहा हूं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में CWC और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को चिट्ठी लिखकर पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराने की मांग की थी। हम पार्टी नेतृत्व की तरफ से अब भी उस पर एक्शन लिए जाने का इंतजार कर रहे हैं।’
CWC की मीटिंग बुलाएं, चर्चा हो कि पार्टी कहां खड़ी है
हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हम नहीं जानते कि ये फैसले कौन ले रहा है। हालांकि, हमें मालूम है, लेकिन तब भी हम यह बात नहीं जानते। हमारे सीनियर साथियों में से किसी ने तुरंत CWC की मीटिंग बुलाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को या तो चिट्ठी लिखी है या जल्दी लिखी जाने वाली है। इससे हमें पार्टी के हालात पर बात करने का मौका मिलेगा। हम यह जान सकेंगे कि अभी पार्टी कहां खड़ी है। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सोनिया गांधी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नवी आजाद ने चिट्ठी लिखी है।
लीडरशिप के करीबी पार्टी छोड़ गए, हम साथ खड़े हैं
सिब्बल ने कहा- कांग्रेस को हम कमजोर होते नहीं देख सकते हैं। हम कितने समय से इंतजार कर रहे हैं। इंतजार की भी हद होती है। हम उन लोगों में से हैं, जो कांग्रेस के साथ खड़े रहे हैं। हमने कभी कांग्रेस के खिलाफ बयान नहीं दिया। आज भी नहीं दे रहे हैं। हम (G-23 के नेता) उन लोगों में से नहीं हैं जो पार्टी छोड़कर कहीं और चले जाएंगे। जो लोग उनके (पार्टी नेतृत्व) करीब थे, वे पार्टी छोड़ चुके हैं और जिन्हें वे अपना करीबी नहीं मानते, वे अब भी उनके साथ खड़े हैं।
पंजाब में जो कुछ हो रहा है, उस पर हमने टिप्पणी नहीं की
हमने कहा है कि कांग्रेस को बुनियादी तौर पर मजबूत करिए, लोगों की बात सुनिए। पंजाब में जो हो रहा था, उस पर हम लोगों में से किसी ने टिप्पणी नहीं की है। लेकिन एक बॉर्डर स्टेट पंजाब में कांग्रेस पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उसका मतलब क्या है? यह ISI और पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने जैसा है। हम पंजाब का इतिहास जानते हैं और वहां पनपे उग्रवाद की जानकारी भी हमें है।