CT Scan की कीमत क्यों तय नहीं? इस सवाल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने किया ये
दिल्ली. पिछले कुछ समय में कोविड-19 की टेस्टिंग के मामलों में सीटी स्कैन की डिमांड बेहद बढ़ चुकी है. दिल्ली में अगर आप हाई रिज़ाल्यूशन सीटी स्कैन (HRCT) करवाने जाएं तो आपको 3000 से लेकर 10 हज़ार रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं. इसकी वजह यह है कि देश के कई हिस्सों की तरह राष्ट्रीय राजधानी में भी सीटी स्कैन की कीमतों को लेकर कोई स्टैंडर्ड तय नहीं है. अब इस मामले में हाईकोर्ट ने दखल दिया है.
कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी यानी HRCT की कीमतों को तय करने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसकी सुनवाई के दौरान सोमवार को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस बारे में जवाब तलब किया है. वास्तव में, कोविड 19 के लक्षण दिखाई देने पर इस टेस्ट की सिफारिश बहुत बढ़ चुकी है और काफी अहम मानी जा रही है.
सीटी स्कैन की ज़रूरत क्यों?
कई बार एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आने के साथ ही RT-PCR में पॉजिटिव आती है. और यह भी संभव है कि RTPCR में भी रिपोर्ट नेगेटिव आए, लेकिन वायरस हो. ऐसा दो वजहों से हो सकता है. पहली, वायरस गले से होते हुए फेफड़ों में चला गया हो और स्वैब लेने के दौरान गले के सैंपल में न मिला हो. दूसरी बात ये हो सकती है कि स्वैब लेने के दौरान गलती हो. ऐसी स्थिति में डॉक्टर सीटी स्कैन की सलाह दे सकते हैं.यहां कुछ चीज़ें समझनी चाहिए. मसलन ये कि सीटी वैल्यू जितनी कम होती है, संक्रमण उतना अधिक होता है और ये जितना अधिक होती है, संक्रमण उतना ही कम होता है. ICMR यानी Indian Council of Medical Research ने अभी सीटी वैल्यू 35 निर्धारित की है. इसका अर्थ ये है कि 35 और इससे कम सीटी वैल्यू पर कोविड पॉजिटिव माना जाएगा और 35 से ऊपर यदि सीटी वैल्यू है तो पेशेंट को कोविड नेगेटिव माना जाएगा.अब सीटी स्कैन की कीमतों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दखल देते हुए सरकार से जवाब मांगा है तो सोशल मीडिया पर लोग इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कोई कह रहा है कि इलाके और अस्पताल के हिसाब से इसकी कीमतों में बहुत फर्क आ जाता है. किसी का कहना है कि हर काम के लिए कोर्ट का मुंह क्यों ताका जाता है. बहरहाल, अगर दिल्ली में इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाता है, तो देश के अन्य राज्यों में भी कीमतें तय होने के रास्ते खुल सकेंगे.