छत्तीसगढ़ में चुनाव के समय क्यों नक्सली हमले होते हैं

छत्तीसगढ़ में आज शाम करीब 4 बजे हुए नक्सली हमले से शहर सन्नाटे में चला गया। नक्सली अभियान खत्म कर लौट रहे जवान  एक किराए की वैन में सफर कर रहे थे। सफर के दौरान जवानों के काफिले पर एक ब्लास्ट हुआ जिसके बाद 11 लोगों की वही मौके पर मौत हो गई, 12 डीआरजी जवानों पर लगभग 50 किलो आईईडी से हमला करवा गया है, जिसके कारण से सभी जवानों की मौके पर ही मौत हो गई, जवानों के साथ साथ वैन चालक की भी इस हादसे में मौत हो गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने घटना का जायज़ा लिया है, और कहा है की इसका पूरा प्रतिशोध लिया जायेगा। साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है और अभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। छत्तीसगढ़ में भी चुनाव पास आ गए हैं और ऐसा अक्सर देख जाता है की जैसे ही चुनावी मेला पास आता है यहां पर नक्सली हमले बढ़ जाते है, लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है की हमलों के पीछे कहीं सियासत का हाथ तो नही, हालाकि अभी तक के किसी भी हमले किसी भी राजनैकी पार्टी का संबध नही पाया गया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 8 जनपद ऐसे हैं, जो नक्सल प्रभावित हैं। उनमें सुकमा, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव और राजनंदगांव शामिल हैं। सुरक्षाबल जब भी नक्सलियों को पकड़ने जाते हैं तो उन पर हमला किया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2011 से 2020 तक राज्य में 3,722 नक्सली हमलों में 489 जवान शहीद हुए। यह आंकड़े देखकर आप भी हैरान हो रहे होंगे, क्योंकि झारखंड में 13 नक्सल प्रभावित जिले हैं। फिर भी वहां नक्सली हमलों में कमी देखी जा रही है, जबकि छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों का खूनी खेल जारी है।
वैसे तो आंकड़ो के मुताबिक वर्ष 2011 से लेकर 2020 तक हर वर्ष औसतन 263 से लेकर 465 तक नक्सली हमले हुए हैं। कुछ हमलों में बड़ी तादाद में जवान शहीद हुए।


दंतेवाड़ा में 6 अप्रैल 2010 को नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया। जिसमें 76 जवान शहीद हो गए।झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर 25 मई 2013 को हमले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 32 की मौत हो गई।सुकमा के टाहकवा़डा में 11 मार्च 2014 को नक्सली हमले में 15 जवान शहीद हुए।बस्तर के दरभा में 12 अप्रैल 2014 को नक्सली हमले में पांच जवानों समेत 14 की मौत हुई।सुकमा के दुर्गम भेज्जी क्षेत्र में 11 मार्च 2017 को नक्सली हमला हुआ। इसमें सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए।सुकमा में 24 अप्रैल, 2017 को नक्सली हमले में CRPF के 25 जवान शहीद हुए।सुकमा के मिनपा में 21 मार्च 2020 को नक्सली हमले में 17 जवान शहीद हुए थे।नारायणपुर में 23 मार्च 2021 को जवानों से भरी बस पर नक्सली हमले में 5 जवानों की मौत हो गई थी।बीजापुर और सुकमा बॉर्डर पर 4 अप्रैल 2021 को नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हुए थे।

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