हो रही नींद से खींचातानी:देर रात तक फोन चलाने की आदत ने उड़ाई देश की नींद,
सबसे कम सोने वालों में भारत दूसरे नंबर पर, रिश्तों में आ रही दरार
देर रात तक फोन चलाना हो सकता है खतरनाकफोन बन सकता है रिश्तों में दरार का कारण
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों का रूटीन तो बदला ही है, साथ-साथ उनके सोने और जागने की आदत बिगड़ती जा रही है। लोग अपने काम को लेकर इतना बिजी हो गए हैं कि वे अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते। यहां तक कि लोगों को नींद पूरी करने का मौका मिले तो भी वे जबर्दस्ती जागते रहते हैं। इसे रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रास्टिनेशन कहा जा रहा है, यानी नींद को जबरन टालना। ये शरीर की सेहत के साथ रिश्तों की सेहत भी खराब कर रहा है।
क्या है रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रास्टिनेशन
यूएस नेशनल स्लीप फाउंडेशन के एक सर्वे में यह बताया गया कि दिन भर काफी काम करके थक जाने के बाद भी लोग मस्ती के लिए देर तक जागते रहते हैं। भारतीय युवाओं में देर रात तक जबर्दस्ती जागने का ट्रेंड बढ़ा। वे बिना काम भी आधी रात तक जागते हैं। इस वजह से हम दुनिया में दूसरा स्लीप डिप्राइव्ड देश बन गए हैं। ‘हालांकि रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रास्टिनेशन ”एक इंटरनेट मुहावरा है, जिसे पहली बार साल 2016 में चीन में इस्तेमाल किया गया था। इस पर रिसर्च जारी है। पर अभी रिसर्च करने वाले इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि थकान भरे दिन के बाद टीवी देखने को रिलीफ टाइम का नाम देकर लोग घंटों जागते रहते हैं, ये मानकर कि वो खुद को रिलैक्स कर रहे हैं। इस साइकोलॉजी के चलते वो नींद से समझौता करते हैं।
क्या हैं नुकसान
इससे न सिर्फ हमारी हेल्थ को नुकसान होता है, बल्कि कई मायने में यह पति-पत्नी के रिलेशनशिप पर भी असर डाल रहा है। देर रात तक देर तक जागने का कारण फोन पर देर रात किसी से बात करना, चैटिंग करना या ओटीटी पर सीरीज देखना शामिल है। नींद में कमी आपकी सोच से ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है। जानबूझकर देर से सोना इन्सोम्निया (अनिद्रा) जैसी बीमारी नहीं है, बल्कि यह लगातार नींद की कमी और उससे पैदा होने वाली कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है।
कम नींद लेने से हो सकते हैं नुकसान
महिलाएं नींद के मामले में काफी पीछे
भारतीय महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम नींद लेती हैं।वे घर और दफ्तर के कामों में इतना उलझी रहती हैं कि जरूरत के मुताबिक नींद लेने का मौका ही नहीं मिल पाता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़े के अनुसार 11 प्रतिशत पुरुष और 13 प्रतिशत महिलाएं 6 घंटे से कम नींद लेती हैं। जबकि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले औसत से 11 मिनट ज्यादा नींद की जरूरत होती है। अगर पुरुषों को 8 घंटे की नींद की जरुरत है तो महिलाओं को रोज 8 घंटे 11 मिनट की नींद लेनी चाहिए, वरना उनकी सेहत पर असर दिखने लगता है।
महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नींद की जरूरत
खराब हो रहे रिश्ते
एक सरकारी बैंककर्मी दीपमाला वर्मा का कहना है कि उनके पति उन्हें समय देने के बजाय इंटरनेट और स्मार्टफोन पर व्यस्त रहते हैं। उनके पति हर वक्त ऑनलाइन रहते हैं। देर रात घर आते हैं फिर वीडियो कॉलिंग या फिर सोशल साइट पर लग जाते हैं। उन्हें अपने पर्सनल कामों से फुर्सत ही नहीं मिलती। इस वजह से हमारे रिश्ते खराब हो रहे हैं।
इंटरनेट और स्मार्टफोन से खराब हो रहें रिश्ते
क्या कहते हैं साइकोलोजिस्ट
साइकोलोजिस्ट डॉक्टर बिंदा सिंह का कहना है कि जिन लोगों को दिन में बहुत खाली समय नहीं मिलता, वे आमतौर पर रात में ज्यादा जागते हैं। वे जबरन जागकर फोन पर सोशल मीडिया देखना या टीवी देखना जैसे काम करते हैं। उन्हें लगता है कि यह ‘मेरा टाइम’ उनका हक है और वे इस पर अपना हक जताना चाहते हैं। हालांकि ये मी टाइम उनकी फिजिकल और साइकोलॉजिकल सेहत पर बुरा असर डाल रहा है।इससे कैसे बचें?
चाहे जितना खटके लेकिन टीवी ऑफ कर दीजिए, फोन को साइड रख दें। इसके अलावा आपके कमरे में जितनी स्क्रीन हों, उन्हें भी बंद कर दीजिए। इससे होगा ये कि दिमाग और नींद के बीच जारी जंग खत्म हो जाएगी और आप आराम से सो सकेंगे।
नींद की कमी से नुकसान
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