सेंगोल के ऊपर नंदी की ही प्रतिमा आख़िर क्यों होती हैं
भारत के इतिहास में 28 मई 2023 का दिन बहुत ही खास होगा, क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। जब ये इस बात की घोषणा हुई है तभी से एक शब्द जो लगातार चर्चा में बना हुआ है, वो है सेंगोल। सामान्य भाषा में सेंगोल का अर्थ है राजदंड। संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर स्पीकर की सीट के पास सेंगोल स्थापित किया जाएगा। आगे जानिए क्या है सेंगोल और इसके ऊपर नंदी की ही प्रतिमा क्यों बनावाई गई।
सेंगोल के ऊपर नंदी की प्रतिमा होने के पीछे एक नहीं कई कारण हैं। सबसे पहले सेंगोल यानी राजदंड के माध्यम से सत्ता हस्तांतरण की परंपरा चोलवंश के राजाओं द्वारा शुरू की गई। जब भी कोई चोल राजा होने वाले नए राजा का राज्याभिषेक करता था तो सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक रूप में ये राजदंड देता था। चोल राजा भगवान शिव के भक्त थे और नंदी भगवान शिव का वाहन है। शिवजी के प्रतीक रूप में ही चोल राजाओं ने राजदंड के ऊपर नंदी की प्रतिमा बनवाई होगी, ऐसी मान्यता है।