इतने विरोध के बाद भी केन्द्र सरकार पुडुचेरी में क्यों कर रही है विद्युत विभाग का निजीकरण?
पुड्डुचेरी : पुड्डुचेरी के बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में उसके कर्मचारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की घोषणा की है।
बिजली इंजीनियर्स कर्मचारी निजीकरण प्रदर्शन समिति के अध्यक्ष ए राजेन्द्रन और महासचिव पी वेलमुरुगन ने रविवार को एक वक्तव्य में कहा कि कंपनी के निजीकरण के केन्द्र सरकार के फैसले के विरोध में कर्मचारियों ने गत वर्ष मई में भी कई बार विरोध प्रदर्शन किए थे। इस संबंध में मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि वे कंपनी का निजीकरण नहीं होने देंगे। बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले के विरोध में पुड्डुचेरी विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर उसे उपराज्यपाल किरण बेदी के जरिये केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था।
उन्होंने उपराज्यपाल पर केन्द्र को बिजली विभाग का निजीकरण करने और उसे एक निगम बनाने का सुझाव देने का आरोप लगाया था जिसके बाद केन्द्र सरकार की ओर से इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए।
इसके बाद बिजली विभाग के सभी संगठनों ने संयुक्त रूप से काम रोकने का फैसला और इस संबंध में 24 दिसंबर को एक नोटिस भी जारी किया गया था।
श्री राजेन्द्रन और श्री वेलमुरुगन ने इसे बिजली विभाग के कर्मचारियों का आंदोलन मानने से इनकार करते हुए जन आंदोलन करार दिया है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, सरकारी कर्मचारियों के संगठनों, व्यापारियों और किसान संगठनों से इस हड़ताल का समर्थन करने की अपील की है।