असम-मिजोरम सीमा पर क्यों हुई हिंसा? पुराना है कारण, यहां जानें सबकुछ
नई दिल्ली. 26 जुलाई को असम और मिजोरम सीमा (Assam Mizoram Border Clash) पर हुई गोलीबारी में असम पुलिस (Assam Police) के 7 जवान और एक आम नागरिक की मौत हो गई. साथ ही असम पुलिस के 50 पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए. इससे पहले भी दोनों राज्यों के बीच तनाव रहा है, लेकिन ऐसी हिंसा पहली बार हुई.
एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक 26 जुलाई को असम पुलिस की एक टीम मिज़ोरम पुलिस गार्ड पोस्ट के करीब पहुंची और इलाके पर नियंत्रण कर लिया. यह दावा करते हुए कि यह असम के अधीन क्षेत्र है. यह घटना दोनों राज्यों के बीच सीमा के करीब लैलापुर में हुई. असम पुलिस की कार्रवाई के बाद मिजो पुलिस और गांववालों ने असम पुलिस को लाठी, पत्थरबाजी और गुलेल से निशाना बनाया. तनाव बढ़ने पर मिजोरम पुलिस की ओर से गोलीबारी की गई.
सीमा विवाद नया नहीं, इतिहास के पन्नों में कैद है वजह
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद कई दशकों से रहा है. मिजोरम 1972 तक असम का ही हिस्सा था, जो लुशाई हिल्स के नाम से असम का एक जिला हुआ करता था. बताया जाता है कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद 1875 की एक अधिसूचना से पैदा हुआ जिसने लुशाई हिल्स को कछार के मैदानी इलाकों से अलग कर दिया.
यह इलाका 1875 में चिह्नित किया गया और मिजोरम इसी के अनुसार अपनी सीमा का दावा करता है. लेकिन असम सरकार इससे अलग 1933 में चिह्नित की गई सीमा के अनुसार अपना दावा करती है. 1875 की अधिसूचना बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन एक्ट 1873 के अनुसार आया था, जबकि 1933 की नोटिफिकेशन का मिजोरम ने विरोध किया था, यह कहते हुए कि उनसे बातचीत नहीं कि गई. इन दोनों मानचित्रों में काफी अंतर है और वो हिस्सा जो दोनों मानचित्रों में ओवरलैप करता है, उसी को लेकर दोनों राज्यों के विवाद है.
1972 में मिजोरम असम से केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर अलग हुआ और 1987 में मिज़ोरम को राज्य का दर्जा मिला, लेकिन सीमा को लेकर मतभेद जारी रहा. असम-मिज़ोरम करीब 165 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है जिसमें मिज़ोरम के तीन ज़िले आइजोल, कोलासिब और ममित आते हैं. वहीं, इस सीमा में असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांदी जिले आते हैं.
सिर्फ असम-मिजोरम नहीं, कुल 10 राज्यों के बीच है सीमा विवाद
गृह मंत्रालय के अनुसार देश के 10 राज्यों के बीच सीमा को लेकर विवाद है. लोकसभा को दिए एक लिखित जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा है कि लद्दाख-हिमाचल प्रदेश, हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र-कर्नाटक, असम-अरुणाचल प्रदेश, असम-नागालैंड, असम-मेघालय और असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा केंद्र सरकार का लगातार यह नजरिया रहा है कि राज्यों के बीच विवाद केवल संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से सुलझ सके. गृह मंत्रालय ने कहा कि विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान परस्पर समझ की भावना से करने के लिए केंद्र सरकार केवल सुविधा मुहैया कराने के रूप में कार्य करती है.