आखिर क्यों पहली बार राष्ट्रपति के गांव पहुंचने पर पीएम मोदी को महसूस हुई शर्मिंदगी?
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश पहुंचे। अपने यूपी दौरे के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव भी गए।
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश पहुंचे। अपने यूपी दौरे के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव भी गए। राष्ट्रपति के पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गांव पहुंचे।
पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गांव पहुंचे:-
जिसके फल स्वरुप पीएम मोदी का स्वागत करने सारे प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वयं हेलीपैड पर पहुंचे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा इस गर्मजोशी से प्रधानमंत्री का स्वागत करने पर पीएम मोदी ने कहा कहा कि इस गर्मजोशी ने उन्हें हैरान कर दिया है और वह शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव में पीएम मोदी ने एक सभा को भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि, “परौंख की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं, उसकी साक्षी आज दुनिया बन रही है और मैं आज देख रहा था कि एक ओर संविधान और दूसरी तरफ़ संस्कार. और आज गांव में राष्ट्रपति जी ने पद के द्वारा बनी हुई सारी मर्यादाओं से बाहर निकलकर के मुझे आज हैरान कर दिया. वे स्वयं हेलीपैड पर मुझे रिसीव करने आए. मैं बड़ी शर्मिंदगी महसूस कर रहा था कि उनके मार्गदर्शन में हम काम कर रहे हैं. उनके पद की एक गरिमा है, एक वरिष्ठता है.”
पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि आज उन्होंने (राष्ट्रपति) उनके साथ बड़ा ‘अन्याय’ कर दिया.
उनके ऐसा कहने पर राष्ट्रपति ने कहा, “संविधान के मर्यादाओं का पालन तो मैं करता हूं लेकिन कभी कभी संस्कार की भी अपनी ताक़त होती है. आज आप मेरे गांव आए हैं. आज मैं यहां पर अतिथि का सत्कार करने के लिए आया हूं. मैं एक राष्ट्रपति के तौर पर नहीं, मैं इस गांव के एक बच्चे के रूप में आया हूं. मैं इस गांव के नागरिक के रूप में आपका स्वागत कर रहा हूं.”
आगे अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सामने ये उदाहरण है कि भारत के गांव में पैदा हुआ ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री बन सकता है. लेकिन ये परिवारवाद है, जो राजनीति ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोकता है.
दूसरे दलों पर निशाना साधना ना भूले पीएम मोदी:-
दूसरे दलों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराज़गी नहीं है. मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों.
राष्ट्रपति जी ने अपने पैतृक आवास को मिलन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए दे दिया था. आज वो विमर्श और ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर महिला सशक्तिकरण को नई ताकत दे रहा है.
गांवों को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे. हमारे गांवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है, सबसे ज्यादा श्रम शक्ति है, और सबसे ज्यादा समर्पण भी है. इसलिए भारत के गांवों का सशक्तीकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जताया आभार:-
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पहली बार उनके पैतृक गांव पहुंचे पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि आज पीएम मोदी हमारे इस छोटे से गांव आए हैं, यह उनकी उदारता है.आज से मेरा गांव आपका ऋणी हो गया है और सिर्फ़ गांव ही नहीं, यह ज़िला भी आपके आने से अनुगृहित हो गया है.
यूपी के लोगों को थी इस बात की टीस:-
उत्तर प्रदेश के लोगों को सदैव इस बात की टीस रहती थी कि इस राज्य ने देश को नौ-नौ प्रधानमंत्री दिए लेकिन राष्ट्रपति एक बार भी नहीं. लेकिन आज उत्तर प्रदेश के लोगों को गर्व की अनुभूति होती है कि यहां के एक निवासी को पहली बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का उत्तरदायित्व प्रदान किया गया. और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है.