केरल क्यों बना कोरोना का केंद्र? पिनराई सरकार को इस मॉडल पर करना चाहिए काम
भारत में बीते दो महीने से अधिक समय में कोरोना के सर्वाधिक 47092 मामले बुधवार को दर्ज किए गए। 70 फीसदी के करीब मरीज अकेले केरल में मिले। देश में बुधवार को कोविड-19 से जूझ रहे 509 संक्रमितों की जान गई। इनमें से एक-तिहाई मौतें अकेले केरल में हुईं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते चौबीस घंटे में 47092 नए मामले सामने आने से भारत में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 32857937 पर पहुंच गई। वहीं, 509 अतिरिक्त मौतों से मृतक का आंकड़ा बढ़कर 439529 हो गया। देश में पिछली बार 63 दिन पहले यानी एक जुलाई को कोविड-19 के सर्वाधिक 48786 नए मामले रिकॉर्ड किए गए थे।
35 हजार से अधिक मरीज उबरे
मंत्रालय के अनुसार भारत में बीते चौबीस घंटे में 35181 मरीज सार्स-कोव-2 वायरस को मात देने में कामयाब रहे। इससे संक्रमण से उबरने वाले भारतीयों की संख्या बढ़कर 32028825 पर पहुंच गई। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 11402 की वृद्धि दर्ज की गई। इससे सक्रिय मामलों का आंकड़ा 389583 पर पहुंच गया, जो कुल केस का 1.19 फीसदी है।
संक्रमण दर तीन फीसदी से नीचे
स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो भारत में कोरोना संक्रमण दर बीते 69 दिनों से तीन फीसदी के नीचे बनी हुई है। वहीं, मरीजों के ठीक होने की दर 97.48 प्रतिशत, जबकि मृत्यु दर 1.34 फीसदी दर्ज की गई है। मंत्रालय के अनुसार बुधवार को देशभर में 8109244 लोगों को कोविड-19 टीके की खुराक हासिल हुई। इससे अब तक लगाए गए टीकों की संख्या 663037334 पर पहुंच गई।
जानें क्यों कोरोना का केंद्र बना केरल
केरल भारत में एक बार फिर कोरोना का केंद्र बनकर उभरा है। बीते कुछ दिनों से देशभर में औसतन 70 फीसदी मामले केरल में दर्ज किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए होम क्वारंटाइन से जुड़े नियमों के उल्लंघन को कसूरवार ठहराया है।
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
केरल में केस बढ़ने के लिए विपक्ष राज्य सरकार के गलत फैसलों को जिम्मेदार ठहरा रहा, मोपला दंगों की बरसी मनाने पर ज्यादा जोर होने के आरोप लगाए हैं।हालांकि, सरकार का कहना है कि होम क्वारंटाइन से जुड़े नियमों की अनदेखी से मामले बढ़ रहे हैं, बंद जगहों पर वायरस का प्रसार बढ़ने को लेकर चेताया है। राज्य सरकार ने एक शोध के हवाले से दावा किया कि 35% मरीज अपने घरों में ही संक्रमित हुए हैं। आपको बता दें कि केरल एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामलों वाला एकमात्र राज्य है।
केरल की मौजूदा स्थिति:
-11020 की वृद्धि हुई उपचाराधीन मरीजों की संख्या में केरल में बुधवार को
-230461 कुल सक्रिय मामले राज्य में मौजूद, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक
-21610 मरीज संक्रमण से उबरे, ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 3838614 हुई
-4090036 लोग केरल में संक्रमित हो चुके हैं अब तक, इनमें से 20961 ने गंवाई जान
क्या करे, क्या नहीं करे सरकार:
दुकानें सामान्य रूप से खोली जाएं: विशेषज्ञों के मुताबिक रात्रि कर्फ्यू, सप्ताहांत लॉकडाउन और दुकानें खोलने के समय में कटौती जैसे उपायों से भीड़ घटने के बजाय बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्रशासन को कोविड प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के साथ पहले की तरह ही दुकानें खोलने की अनुमति देनी चाहिए।
त्योहारों के आसपास ज्यादा छूट न दी जाए: कोरोनाकाल में त्योहारों के मौसम में कोविड-19 के मामलों में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। केरल में भी ओणम के जश्न के दौरान ऐसा हुआ। लिहाजा सरकार को त्योहारों के आसपास पाबंदियों में एकाएक ढील देने के बजाय चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध हटाने पर विचार करना चाहिए।
भीड़ जुटने पर पाबंदी जारी रहनी चाहिए: सक्रिय मामलों में उल्लेखनीय कमी न आने तक भीड़ जुटने पर पाबंदी जारी रहनी चाहिए, फिर चाहे वो धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक आयोजन हों या फिर व्यापारिक तथा मनोरंजक गतिविधियां। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल पर अमल के लिए प्रेरित करने को सामुदायिक हस्तियों की मदद ली जाए।
टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाना जरूरी: विशेषज्ञ केरल में मास्क पहनने, साबुन से हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन जैसे एहतियाती उपायों को लेकर जागरूकता अभियान लगातार जारी रखने की सलाह देते हैं। उन्होंने राज्य में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने पर भी जोर दिया। टीके को लेकर हिचक दूर करने के लिए लुभावने प्रस्ताव दिए जा सकते हैं।