अर्पणा ने क्यों दिया राम मंदिर में 11 लाख रुपए का चंदा
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अर्पण यादव ने राम मंदिर में 11लाख रुपए का चंदा देकर एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है
आपको बता दें कि इसके पहले भी अपने तमाम और भी अलग-अलग कामों की वजह से अर्पणा यादव राजनीतिक गलियारों में सुर्खियों में रह चुकी है।
अर्पणा यादव ने जब से राम मंदिर में 11 लाख रुपए का चंदा दिया है, इसके बाद एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में इस बात की हलचल तेज हो गई है क्या अर्पणा यादव बीजेपी के करीब जा रही है,
आइए आप हम बताते हैं कि आखिर अर्पणा यादव ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11लाख रुपए चंदा क्यों दिया
आपको बता दें कि अर्पणा बिष्ट यादव इसके पहले भी भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर चुकी है और राजनीतिक पंडितों की मानें तो वह बीजेपी के कई नेताओं के संपर्क में भी रहती हैं, अपने आप को राजनीति में सक्रिय दिखाने के लिए अर्पणा इस तरीके से कई बार पार्टी की लाइन से हटकर भी कई काम कर चुकी है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो अर्पणा यादव राजनीति में अपने आप को पूरी तरीके से सक्रिय दिखाने के लिए और राजनीतिक गलियारों में चर्चा बटोरने के लिए समय-समय पर अलग-अलग तरीके से राजनीतिक कदम उठाती रहती हैं और अर्पणा यादव को या अच्छे से पता है कि अगर वह राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा देती है तो वह जरूर सुर्खियों में आएंगी
फिलहाल आपको यह भी बता दें कि इसके पहले भी अर्पणा यादव ने योगी आदित्य नाथ से कई बार मुलाकात कर चुकी है और तमाम बीजेपी के कई नेताओं से उनकी मुलाकात होती रहती है, अर्पणा के करीबियों की माने तो अर्पणा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी बनती है, इसके पीछे का यह भी तर्क दिया जाता है कि योगी आदित्यनाथ की जन्मस्थली उत्तराखंड है वही अर्पणा यादव की भी जन्मस्थली उत्तराखंड है,
ये भी पढ़े – जानिए किस टीवी कलाकार दंपत्ति ने किया रामलला का किया दर्शन पूजन
इसके साथ-साथ राजनीतिक पंडितों का यह भी तर्क सामने आता है योगी आदित्यनाथ का पुराना नाम अजय सिंह बिष्ट है वही अर्पणा यादव का पूरा नाम अर्पणा बिष्ट यादव है इसी कारण से अर्पण, योगी आदित्यनाथ को अपना भाई मानती हैं
और समय-समय पर अपने राजनीतिक अलग-अलग गतिविधियों की वजह से अर्पणा सुर्खियों में आ जाती है, फिलहाल 2022 का चुनाव काफी करीब है और समाजवादी पार्टी में अर्पणा सिंह बिष्ट की कुछ खास चलती हुई नजर नहीं आ रही है,
राम मंदिर मुद्दा भी हर चुनाव में काफी उभर कर सामने आता है और इस बार राम मंदिर बनने में 11लाख रुपए चंदा देकर राम के नाम का आशीर्वाद ले कर अर्पणा अपनी किस्मत अजमा सकती है, फिलहाल आपको बता देगी इसके पहले भी अर्पणा बिष्ट यादव चुनाव लड़ चुकी हैं और उनको जीत हासिल नहीं हुई है।