BJP पर अखिलेश ने तंज कसते हुए क्यों कहा-‘बड़े मिया तो बड़े मियां, छोटे मियां…
लखनऊ: सपा प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (akhileshyadav) ने कहा है कि BJP सरकार किसानों की तबाही का जश्न मना रही है।
भाजपा सरकार ने छह वर्षों में किसानों को फूटी कौड़ी का लाभ नहीं पहुंचाया।
अखिलेश ने बीजेपी पर कसा तंज
उसकी न तो आय दुगनी हुई, नहीं लागत का ड्योढ़ा मूल्य मिला। एमएसपी (Msp) देना तो दूर की बात भाजपा सरकार ने किसानों के पास जो जमा पूंजी है उसे भी लूटने का इंतजाम कर लिया है।
‘बड़े मिया तो बड़े मियां, छोटे मियां
विडम्बना तो यह है कि प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार के समय तो यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि ‘बड़े मिया तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह।‘
राज्य की भाजपा सरकार का घमण्ड तो अब हद से ऊपर हो गया है। राज्य में कहीं कोई सुनवाई नहीं है।
करोड़ों का है बकाया
- धान की लूट सरे आम हो रही है।
- धान खरीदी में धांधली से तंग होकर एक और किसान आत्महत्या का प्रयास प्रशासन के निर्मम रवैये को साबित करता है।
- गन्ना समर्थन मूल्य तो बढ़ाया नहीं गया ऊपर से मिलो में करोड़ों रूपये का बकाया हो गया है।
- अयोध्या में मसौधा और रौजागांव चीनी मिलों पर किसानों का 50.38 करोड़ रूपया बकाया है।
- गोण्डा की बजाज चीनी मिल पर किसानों का पिछले वर्ष का 146 करोड़ रूपए बकाया है।
- प्रदेश में अभी भी आठ हजार करोड़ रूपये से ज्यादा गन्ना किसानों का मिलो पर बकाया है।
- 14 दिनों में बकाया भुगतान ब्याज सहित देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार को भुगतान करने में क्यों देरी हो रही है,
- इसका जवाब देना चाहिए? भाजपा सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील होकर घोर उपेक्षा का व्यवहार कर रही है।
BJP पर अखिलेश यादव बोलें :-
- मंहगाई की मार ने अलग से किसान की कमर तोड़ दी है।
- इतने पर भी दावा कि भाजपा किसानों की हितैषी है।
- भाजपा का यह झूठ सीधे अन्नदाता का अपमान है।
- किसान अपना भविष्य बचाने को जान दे रहा है।
- भाजपा काले कृषि कानून (farmer’s bills) थोपना चाहती है।
- जनता अब किसानों की मांगों के समर्थन में खड़ी हो गयी है।
- किसान क्रांति के समर्थन में समाजवादी पार्टी बराबर प्रदर्शन-धरना के कार्यक्रम कर रही है।
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दमन करने से नहीं चूक रही है BJP
- किसान यात्रा, किसान घेरा के माध्यम से किसानों से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं पर चर्चा हुई और समाजवादी सरकार के कामों की जानकारी भी साझा की गई।
- भाजपा सरकार ने इन शांतिपूर्ण कार्यक्रमों को भी दमन से डराने धमकाने की कोशिश की।
- भाजपा भूले नहीं कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं के उल्लंघन के नतीजे अच्छे नहीं होते हैं।
- अब किसान और नौजवान मिलकर शोषण और दमनकारी भाजपा को करारा जवाब देने को तैयार है।