केरल में लगातार क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना के संक्रमण? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
नई दिल्ली. आपको याद होगा पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान केरल मॉडल के उधारण दिए जा रहे थे. कोरोना के संक्रमण (Covid-19 Kerala) पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार की हर तरफ तारीफ हो रही थी. लेकिन इस वक्त केरल के हालात बिगड़ गए हैं. हर रोज़ यहां हज़ारों की संख्या में कोरोना के मरीज़ सामने आ रहे हैं. पिछले दो दिनों से यहां लगातार 30 हज़ार से ज्यादा केस सामने आए हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो देश भर से करीब 68 फीसदी नए केस केरल से ही आ रहे हैं. कई ज़िलों में पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी से ज्यादा हैं. इस वक्त एक लाख से ज्यादा मरीज़ अस्पताल में भर्ती है. कुल मिलाकर केरल के हालात इस वक्त डरावने हैं. सवाल उठता है कि आखिर केरल में ही क्यों कोरोना के ज्यादा केस आ रहे हैं?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक केरल में कोरोना संक्रमण बढ़ने के पीछे कई वजह हैं. मसल वहां कितने लोगों ने वैक्सीन ली है, क्या लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं? लोगो कहां की यात्रा कर रहे हैं. फिलहाल एक्सपर्ट्स का कहना है इन तमाम फैक्टर्स पर केरल के मौजूदा हालात को देखने की जरूरत है.
मौसम का फैक्टर
केरल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन (रिसर्च ) डॉक्टर राजीव जयदेवन ने बताया, ‘वायरस के ड्रॉपलेट्स हवा में कितनी देर रहता है ये वहां के मौसम पर भी निर्भर करता है. हो सकता है कि केरल के मौसम के चलते ऐसा हो रहा हो कि वायरस लंबे समय तक रह रहे हों. हमें ये ध्यान में रखना होगा कि कोरोना फैलने के पीछे कोई एक वजह नहीं हैं. इसमें कई सारे फैक्टर हैं.’
नियमों का नहीं हो रहा है पालन
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई के मध्य में केरल से हर रोज़ करीब 40 हज़ार नए केस आ रहे थे. उन दिनों यहां पॉजिटिविटी रेट 28 फीसदी के आसपास थी. अब ओणम के बाद से हर रोज़ 30 हज़ार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. कई ज़िलों में पॉजिटिविटी रेट 20 परसेंट से ज्यादा है. यानी हर सौ में से 20 लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. केरल सरकार चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ जी एस विजयकृष्णन ने कहा, ‘काफी बड़ी संख्या में लोगों पर वायरस का खतरा मंडरा रहा है.लोगों को कोरोना प्रोटोकल को फॉलो करने की जरूरत है.’
लगातार बढ़ रहे हैं केस
केरल में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 30,007 नये मामले सामने आने के साथ ही कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर प्रदेश में 39.13 लाख हो गई. जबकि 162 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 20,134 पर पहुंच गई.