अखिलेश और योगी सरकार में सुर्खियों में क्यों बना रहता है रिवरफ्रंट जानिए क्या है अंदर की कहानी….
उत्तर प्रदेश का रिवर फ्रंट जब से बनना शुरू हुआ तब से सुर्खियों में रहा पहले देश का सबसे खूबसूरत बनने वाला रिवरफ्रंट के नाम से फिर अखिलेश यादव के पसंदीदा ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर उसके बाद जब अखिलेश यादव की सरकार चली गई तो घोटाले को लेकर फिर एक बार यह रिवरफ्रंट सुर्खियों में आ गया है
अब आपको पूरा मामला बताते हैं आपको बता दें कि इस रिवर फ्रंट पर 2017 में योगी सरकार ने जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद गोमती नगर थाने में रिवर फ्रंट में हुए भ्रष्टाचार के मामले में एफ आई आर दर्ज की गई और वह f.i.r. ईडी और सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई अब इस पूरे मामले का जांच पिछले 3 सालों से सीबीआई कर रही है साथ में ईडी भी छानबीन की कर रही है मगर अभी तक जांच कहां तक पहुंची इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है मगर इस पूरे मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई यह गिरफ्तार हुए लोग सरकारी विभाग से हैं और इनके ऊपर आरोप है कि यह इस पूरे प्रोजेक्ट में बड़ा घोटाला किए हैं मगर घोटाले कैसे हुए किस तरीके से हुए और कहां-कहां पर हुए इसका पूरा अभी बेवरा ना तो जांच एजेंसियों ने दी है और ना तो सरकार ने बताया है फिलहाल विपक्ष पूरे मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है और विपक्ष का कहना है कि सरकार उत्तर प्रदेश का विकास नहीं चाहती इस वजह से विकास कार्यों को रोका जा रहा है वहीं सरकार की तरफ से आरोप है कि विपक्ष में बैठी समाजवादी पार्टी जब सरकार में थी तो रिवर फ्रंट में घोटाला हुआ है और इसकी जांच हो रही है और बड़ी मछलियां भी इसमें फसती हुई नजर आ रही है
मगर अब सवाल यही पर खड़ा होता है!
2017 में जब योगी सरकार आई तो योगी सरकार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट रिवर फ्रंट पर जांच बैठा दी कहा गया कि इस पूरे प्रोजेक्ट में बड़ा घोटाला हुआ है इस मामले में f.i.r. हुई और वह f.i.r. ईडी और सीबीआई को हैंड ओवर कर दी गई जिसके बाद सीबीआई और ईडी इस पूरे मामले पर जांच कर रही है और अभी तक बताया जाता है कि कुल 8 लोगों के खिलाफ f.i.r. की गई है जिसमें से 5 लोगों से ईडी ने पूछताछ की है इस मामले में सिंचाई विभाग के एसएन शर्मा, काजिम अली, गुलेश चंद, शिवमंगल यादव, कमलेश्वर सिंह, अखिल रमन, रूप सिंह यादव, सुरेश यादव नामजद किए गए
बताया जाता है कि रिवर फंड का कुल बजट 1513 करोड़ था जिसमें से 1437 करो रुपए खर्च कर दिए गए हैं और बताया जाता है कि अभी तक इस का 60 परसेंट का भी काम पूरा नहीं हुआ है इसी पूरे मामले को लेकर सरकार जांच करवा रही है आखिर पैसा कहां-कहां खर्च हुआ है
फिलहाल अभी तक पूरी जांच की रिपोर्ट सामने नहीं आई है ईडी सीबीआई पिछले 3 सालों से जांच कर रही है मगर यह जांच कब तक पूरी होगी इसका भी कोई औपचारिक बयान या जवाब सरकार और जांच एजेंसियों की तरफ से नहीं दिया गया इसी मामले में शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सिंचाईं विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया है फिलहाल अभी भी राजधानी लखनऊ का बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में एक रिवर फ्रंट का काम रुका हुआ है