कौन बनेगा बीजेपी सरकार का दलित चेहरा ? पढ़िए क्या कहना है वरिष्ठ पत्रकारों का?
इस बार भाजपा सरकार में कौन बनेगा दलित चेहरा, इनके नामों चर्चा है तेज
लखनऊ: रविवार को कैबिनेट से जुड़ी बैठकों में योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पार्टी के तमाम आला नेताओं से दिल्ली में मिले. शपथ ग्रहण की तारीख़ फिलहाल तय नहीं है लेकिन लखनऊ के अख़बारों में तमाम नामों को लेकर चर्चा गर्म है.
एक नाम जो उत्तर प्रदेश के अधिकतर पत्रकारों की जुबान पर है वो है आगरा ग्रामीण से विधायक बेबी रानी मौर्य. आगरा की पूर्व महापौर और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल को राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा दिला कर बीजेपी ने विधायक का चुनाव लड़वाया और उन्होंने 76,000 से भी अधिक वोटों से जीत दर्ज़ की है.
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह कहते हैं, “बेबी रानी मौर्य के बारे में बहुत चर्चा है. वो जाटव दलित हैं, तो भाजपा ज़रूर उनको जीत का इनाम देगी. उनके बारे में तो चर्चा थी कि अगर बीजेपी की 225 से कम सीट आईं तो वो मुख्यमंत्री बनेंगी. उनका मंत्री बनना मुझे लगता है लगभग तय है. किसी न किसी रूप में उन्हें पद मिलेगा जो काफी बड़ा होगा.”
बेबी रानी मौर्य को बीजेपी देगी बड़ी जिम्मेदारी
शीतल पी सिंह के मुताबिक़, बीजेपी, बीएसपी के ख़राब प्रदर्शन का भरपूर फायदा उठाने की कोशिश करेगी. वो कहते हैं, “अब सबका निशाना 12 प्रतिशत मायावती का वोट है. जो अभी भी मायावती के पास बचा है, जो धीरे-धीरे ख़त्म होना है. बीजेपी उसके लिए काम पर लग गई होगी कि उस 12% जाटव वोट को अगले चुनाव से पहले कैसे अपने क़ब्ज़े में ले आए, इस पर वो काम करेगी. और इस लिहाज़ से भी मंत्रिमंडल पर वो काम कर रही होगी.”
पश्चिम उत्तर प्रदेश में राजनीति कवर करते आ रहे पत्रकार शादाब रिज़वी भी बेबी रानी मौर्या की दावेदारी को मज़बूत बताते हुए कहते हैं, “चुनाव से ठीक पहले इस्तीफ़ा देकर इसलिए बुलाया गया जिससे दलित उनसे जुड़ जाए. इत्तेफ़ाक़ ये हुआ की दलित बीजेपी की ओर मुड़ गया. जिस पर आरएसएस के लीडर पिछले 15 सालों से मेहनत कर रहे थे. वहीं इस चुनाव दलित समाज भाजपा के लिए जीत का सबसे बड़ा आधार बना. ऐसे में इस सरकार में बेबी रानी मौर्य को एक बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.