यहां जाने कौन हैं तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी? जिसके लिए BJP ने सुशिल मोदी को हटाया उनके पद से….
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में धमाकेदार जीत के बाद अब NDA ने सरकार बनाने की कवायद को तेज कर दिया है। आज (सोमवार) से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सातवीं बार राज्य की कमान को संभालेंगे। वहीं दूसरी ओर लगभग 15 साल बाद बिहार को नया उपमुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) की जगह दो नए चेहरे पर भारतीय जनता पार्टी ने भरोसा जताया है।
खबरो के मुताबिक, BJP पार्टी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को यह अहम जिम्मेदारी दे सकती है। ऐसे में आपको बताते है की तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी कौन है। जिन्हें नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। बिहार के सीमांचल इलाके से आने वाले तारकिशोर प्रसाद कटिहार सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। तारकिशोर सुशील कुमार मोदी के बेहद ही करीबी माने जाते हैं और बीेजेपी के तेजतर्रार नेताओं की सूची में आते हैं।
आपको बता दे की साल 2005 में तारकिशोर प्रसाद पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। इस चुनाव के बाद तारकिशोर प्रसाद ने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा। साल 2020 के चुनाव में तारकिशोर ने आरजेडी नेता डॉ राम प्रकाश महतो को करीब 12 हजार वोटो से हराकर अपना दबदबा कायम किया। माना जा रहा है कि सीमांचल इलाके में बीजेपी (BJP) के बेहतर प्रदर्शन के कारण तारकिशोर यह पुरस्कार मिल रहा है।
वहीं रेणु देवी का जुड़ाव भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से रहा है। दुर्गावाहिनी से अपने सियासी सफर की शुरूआत करने वाली बीजेपी विधायक रेणु देवी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद तक पर रहीं है। अतिपिछड़ा समुदाय की नोनिया जाति से आने वाली रेणु देवी बचपन में ही संघ से जुड़ गई थी। रेणु देवी का जन्म 1 नवंबर 1959 को हुआ था। साल 1989 में रेणु देवी को चंपारण क्षेत्र की बीजेपी महिला मोर्चा का अध्यक्ष के लिए चुना गया और 1991 में प्रदेश महिला मोर्चा की महामंत्री बनीं।
साल 1993 और 1996 में बिहार बीजेपी (Bihar BJP) प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष चुनी गई और साल 2014 में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। वही रेणु देवी को साल 2015 में कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा हार का सामना भी करना पड़ा था। हालांकि अब वह एक बार फिर से जीतकर डिप्टी सीएम की रेस में शामिल हो गई हैं।