कौन हैं पीएस नरसिम्हा, जो कॉलेजियम की सिफारिश पर बार से सीधे बन सकते हैं SC के जज
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में जज बनाए जाने के लिए प्रस्तावित किए गए 9 नामों को मंजूरी दे दी है. इनमें तीन महिला जज भी शामिल हैं. अब इन नामों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. इनमें देश की पहली संभावित महिला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीवी नागरत्ना का भी नाम शामिल है. इसके साथ ही सीनियर वकील पीएस नरसिम्हा (PS Narasimha) का भी नाम इस सूची में है. वह बार से सीधे पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले छठे वकील होंगे. आइये जानते हैं उनके बारे में…
अगर अनुशंसित नामों को नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी जाती है, तो नरसिम्हा 1993 में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली के अस्तित्व में आने के बाद बार से सीधे पीठ में पदोन्नत होने वाले छठे वकील बन जाएंगे.
पीएस नरसिम्हा का जन्म मई 1963 में हुआ था. उन्हें 2014 में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था. 2018 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था.
वरिष्ठ वकील होने के चलते पीएस नरसिम्हा ने सुप्रीम कोर्ट में कई अहम मामलों की वकालत की है. इनमें अयोध्या केस भी शामिल है.
पीएस नरसिम्हा को सुप्रीम कोर्ट की ओर से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में रिफॉर्म लागू करने के लिए गठत एमाइकस क्यूरी का सदस्य भी बनाया गया था.
पीएस नरसिम्हा ने इतालवी मरीन केस में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की वकालत की थी.वह नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) के सदस्य भी हैं, जो समाज के कमजोर वर्गों को लोक अदालत के जरिये निशुल्क कानूनी मदद मुहैया कराती है.