“Sharda Sinha के निधन के बाद परिवार में कौन बचा?”
Sharda सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। 5 नवंबर 2024 को दिल्ली के AIIMS अस्पताल में उनका निधन हो गया। वे लंबे समय से किडनी की बीमारी

Sharda सिन्हा का निधन: बिहार कोकिला का संगीत जगत में योगदान
लोक संगीत की अनमोल धरोहर और छठ पूजा के गीतों से हर दिल में जगह बनाने वाली Sharda सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। 5 नवंबर 2024 को दिल्ली के AIIMS अस्पताल में उनका निधन हो गया। वे लंबे समय से किडनी की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। शारदा सिन्हा का निधन बिहार और भारतीय लोक संगीत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
Sharda सिन्हा का जीवन परिचय
Sharda सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के हुलस गांव में हुआ था। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में ज्वाइंट सेक्रटरी थे और मां एक गृहिणी थीं। शारदा सिन्हा के सात भाई थे, और वे उनमें एकलौती बहन थीं। शारदा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट हाई स्कूल से की और मगध महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद प्रयाग संगीत समिति से संगीत की शिक्षा ली।
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शारदा सिन्हा ने 1970 में डॉक्टर ब्रज किशोर सिन्हा से शादी की, जो समस्तीपुर के एक साइंस कॉलेज में प्रोफेसर थे। शारदा हमेशा कहती थीं कि उनके पति ने उनकी कला को संवारने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दुर्भाग्यवश, इस साल 22 सितंबर को ब्रेन हेमरेज के कारण उनके पति का निधन हो गया था।
शारदा सिन्हा का संगीत सफर
Sharda सिन्हा को विशेष पहचान छठ पूजा के गीतों के लिए मिली। उनकी आवाज़ ने बिहार की संस्कृति और लोक संगीत को दुनिया भर में प्रसिद्ध किया। उनका हर गीत लोगों के दिलों में बस जाता था, खासकर छठ पर्व के दौरान उनके गीतों को सुनना एक परंपरा बन गया था। इसके अलावा, शारदा सिन्हा ने कई अन्य हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में भी गाने गाए और संगीत जगत में अपना स्थान बनाया।
शारदा सिन्हा का परिवार: कौन-कौन है अब?
शारदा सिन्हा के परिवार में अब उनके बेटे अंशुमन सिन्हा और बेटी वंदना सिंह भारद्वाज हैं। अंशुमन सिन्हा, जो खुद एक प्रसिद्ध सिंगर, म्यूजिक कंपोज़र और राइटर हैं, अपनी मां के संगीत कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी बेटी वंदना भी एक पॉपुलर फॉल्क सिंगर हैं।
शारदा सिन्हा के निधन से एक बड़ा खालीपन पैदा हो गया है, लेकिन उनका संगीत और उनकी धरोहर हमेशा जीवित रहेगी।
शारदा सिन्हा के निधन पर शोक
शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित इस दिग्गज गायिका के योगदान को सराहा। उनके जाने से ना सिर्फ संगीत जगत, बल्कि उनके चाहने वालों और बिहारवासियों के बीच भी गहरी शोक की लहर दौड़ गई है।
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शारदा सिन्हा के योगदान और उनके गीतों की यादें हमेशा ताजा रहेंगी और वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।