’10 फीसदी आदिवासी कहां गायब हो गए?’ निशिकांत दुबे ने लोकसभा में मुस्लिम आबादी पर क्या आरोप लगाया?

संसद में गुरुवार (25 जुलाई) को केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला।

संसद में गुरुवार (25 जुलाई) को केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने बांग्लादेश से झारखंड में हो रही घुसपैठ और इसके प्रभाव पर चिंता जताते हुए कहा कि आदिवासी महिलाएं बांग्लादेशी घुसपैठियों से शादी कर रही हैं, जिससे मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “अगर मेरी एक बात भी गलत है, तो मैं सदन से इस्तीफा देने को तैयार हूं।”

‘बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ रही है’

बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि बांग्लादेश से झारखंड में लगातार घुसपैठ हो रही है। आदिवासी महिलाएं बांग्लादेशी घुसपैठियों से शादी कर रही हैं, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान। उन्होंने बताया कि संथाल परगना में आदिवासियों की जनसंख्या 36% से घटकर 26% रह गई है। यह चिंता का विषय है कि इस पर सदन में कभी चर्चा नहीं होती और केवल वोट बैंक की राजनीति की जाती है।

‘मुसलमानों की आबादी में तेजी से वृद्धि’

डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान मधुपुर में 267 बूथों पर मुसलमानों की आबादी 117% बढ़ गई है। पूरे झारखंड में कम से कम 25 विधानसभा क्षेत्रों में जनसंख्या में 123% से 110% तक की वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा चिंता का विषय है।

‘झारखंड पुलिस की निष्क्रियता’

सांसद ने झारखंड पुलिस पर आरोप लगाया कि पाकुड़ जिले के तारानगर इलामी और डापाड़ा में दंगा हुआ, जिसमें ममता बनर्जी की पुलिस और बंगाल से लोग शामिल थे। इस कारण हिंदू गांव खाली हो रहे हैं, लेकिन झारखंड की पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

‘हाई कोर्ट और केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग’

डॉ. निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा कि झारखंड हाई कोर्ट ने 22 जुलाई को एक आदेश दिया है जिसमें मुसलमानों की आबादी में तेजी से वृद्धि का जिक्र है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि किशनगंज, अररिया, कटियार, मालदा, मुर्शिदाबाद और संथाल परगना को यूनियन टेरिटरी बनाया जाए, एनआरसी लागू किया जाए, और संसद की एक कमेटी भेजकर जांच कराई जाए। इसके साथ ही लॉ कमीशन की 2010 की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग की, जिसमें धर्मांतरण और शादी के लिए परमिशन की बात की गई है।

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