अपनों ने छोड़ा साथ, तो पिता ने डेढ़ करोड़ की संपत्ति कर दी सरकार के नाम..
उत्तर प्रदेश–हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका जिगर का टुकड़ा उनकी हर बात माने।उनके हिसाब से चले लेकिन विचारों में टकराव से रिश्तों में दूरियां बढ़ने लगती हैं। कई बार रिश्तों में इतनी कड़वाहट आ जाती है। कि अभिभावक बच्चों को बेदखल करने को मजबूर हो जाते हैं। इसके अलावा बच्चों का चाल-चलन या फिर बहुओं द्वारा झूठे दहेज के केस के कारण माता-पिता अपनी औलाद को बेदखल कर देते हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है परिवार की अनदेखी से नाराज एक 85 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने अपने सगे बेटे बेटियों से संपत्ति के साथ-साथ अपने अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया है। बच्चों की इस लापरवाही और बेकद्री की वजह से बुजुर्ग व्यक्ति ने उत्तर प्रदेश सरकार के नाम करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति के साथ-साथ अपने शरीर की भी वसीयत कर दी है। बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी वसीयत में लिखा है कि मरने के बाद उसकी जमीन पर उसके नाम से स्कूल या अस्पताल खोला जाए यह उनकी आखिरी इच्छा है।
दरअसल मामला उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली तहसील का है जहां पिछले 7 महीने से वर्धा आश्रम में रह रहे 85 वर्षीय नत्थू सिंह ने अपने बच्चों की बेकद्री और नाराजगी के चलते नासिर अपने बच्चों को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है बल्कि अपनी डेढ़ करोड़ की संपत्ति उत्तर प्रदेश सरकार के नाम कर दी है। नत्थू सिंह ने अपनी वसीयत में यह भी लिखा है कि मरने के बाद उनके शरीर को मेडिकल कॉलेज को दे दिया जाए साथ ही उनकी जमीन पर सरकार स्कूल या हॉस्पिटल बनाकर गरीब लोगों का उपचार करें।
बता दें कि मुजफ्फरनगर के बुलढाणा निवासी 85 वर्षीय नत्थू सिंह इंटरमीडिएट तक पढ़े हैं और बुढ़ाना गांव में उनके नाम डेढ़ करोड़ रुपए की लगभग 18 बीघा जमीन है। उनकी 4 बेटियां और एक बेटा है। बेटियों की शादी हो गई है और बेटा शादी के बाद अपने परिवार के साथ सहारनपुर में रहता है। उनका इकलौता बेटा सहारनपुर में सरकारी शिक्षक के रूप में तैनात है। नत्थू सिंह की पत्नी की मौत के बाद उनके बच्चों ने भी उनसे किनारा कर लिया और 85 वर्ष की उम्र में उन्हें गांव में अकेला छोड़कर अलग रहने लगे। अपने बच्चों की बेकद्री से परेशान होकर नत्थू सिंह फिलहाल खतौली के एक वर्धा आश्रम में पिछले सात-आठ महीनों से रह रहे हैं। 5 बच्चों का पिता होने के बावजूद नत्थू सिंह की कोई देखभाल करने वाला नहीं है।
नत्थू सिंह ने बुढ़ाना तहसील पहुंचकर अपनी करीब डेढ़ करोड़ रुपए की संपत्ति जिसमें मकान और करीब 10 बीघा कृषि भूमि शामिल है। इस संपत्ति को एक वसीयत बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार के नाम कर दी है। नत्थू सिंह ने अपनी वसीयत में लिखा है कि उसकी मौत के बाद उसकी जमीन पर उसके नाम से स्कूल या अस्पताल बनाया जाए इसके अलावा उन्होंने लिखा है कि उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके मृत शरीर को शोध अनुसंधान अथवा किसी प्रकार के प्रयोग में इस्तेमाल किया जाए। नत्थू सिंह की इस अनोखी वसीयत के कारण नत्थू सिंह चर्चाओं में बने हुए हैं। खतौली वर्धा आश्रम की संचालिका रेखा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि नत्थू सिंह लगभग 6 से 7 महीने से उनके वर्धा आश्रम में रह रहे हैं।
इस बीच उनसे मिलने उनके परिवार का कोई भी सदस्य वर्धा आश्रम में नहीं आया है। लिहाजा बच्चों से तंग आकर नत्थू सिंह ने शनिवार दोपहर अपनी डेढ़ करोड़ की संपत्ति उत्तर प्रदेश सरकार के नाम कर दी है उन्होंने इसके लिए एक वसीयत भी तैयार कराई है जिसमें उन्होंने अपनी सारी संपत्ति मुख्यमंत्री योगी आदित्य के नाम करते हुए अपने शरीर को भी दान कर दिया है।