एंजियोप्लास्टी सर्जरी: हार्ट अटैक के बाद कब जरूरी है और कितना होता है खर्च?

आजकल हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, ऐसे में एंजियोप्लास्टी सर्जरी के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। एंजियोप्लास्टी एक सर्जिकल प्रक्रिया है

आजकल हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, ऐसे में एंजियोप्लास्टी सर्जरी के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। एंजियोप्लास्टी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो दिल की ब्लॉक हुई धमनियों को खोलने के लिए की जाती है, जिससे खून का प्रवाह सही तरीके से हो सके। इस लेख में हम इस सर्जरी के बारे में विस्तार से जानेंगे।

एंजियोप्लास्टी सर्जरी क्या है?

एंजियोप्लास्टी एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें दिल की ब्लॉक हुई धमनियों को खोलने के लिए एक पतली ट्यूब (कैथेटर) का उपयोग किया जाता है। इस ट्यूब के सिरे पर एक छोटा गुब्बारा होता है, जिसे ब्लॉक वाले हिस्से में पहुंचाकर फुलाया जाता है। इससे ब्लॉक हट जाता है और खून का प्रवाह सामान्य हो जाता है। कभी-कभी इस प्रक्रिया में एक स्टेंट (धातु का छोटा ट्यूब) भी डाला जाता है ताकि धमनी खुली रहे।

हार्ट अटैक के दौरान एंजियोप्लास्टी की जरूरत कब पड़ती है?

  1. खून का प्रवाह रुक जाए: जब दिल की धमनियों में खून का प्रवाह रुक जाए और दवाओं से सुधार न हो, तब एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता हो सकती है।
  2. गंभीर ब्लॉकेज हो: अगर धमनियों में बहुत अधिक ब्लॉकेज हो और दिल तक खून नहीं पहुंच पा रहा हो, तो यह सर्जरी की जाती है।
  3. बार-बार दर्द हो: यदि आपको बार-बार सीने में दर्द (एंजाइना) हो रहा हो और आराम से भी दर्द नहीं जा रहा हो, तो एंजियोप्लास्टी का विकल्प हो सकता है।

एंजियोप्लास्टी का खर्च कितना होता है?

एंजियोप्लास्टी सर्जरी का खर्च विभिन्न अस्पतालों और उनकी सुविधाओं पर निर्भर करता है। सामान्यतः इस सर्जरी की लागत 1.5 लाख से 3 लाख रुपये के बीच हो सकती है। इसमें अस्पताल का खर्च, डॉक्टर की फीस, स्टेंट की लागत, और अन्य मेडिकल खर्च शामिल होते हैं। कुछ जगहों पर बीमा भी इस खर्च को कवर कर सकता है, इसलिए अपनी बीमा पॉलिसी की जानकारी अवश्य लें।

सर्जरी के बाद की देखभाल

  1. डॉक्टर की सलाह लें: नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें और उनके निर्देशों का पालन करें।
  2. दवाओं का सेवन: दवाओं को सही समय पर और डॉक्टर के निर्देशानुसार लें।
  3. हेल्दी डाइट: तला-भुना खाने से बचें और संतुलित आहार लें।
  4. नियमित व्यायाम: हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें, जैसे वॉकिंग या योग।
  5. तनाव से दूर रहें: तनाव कम करने की कोशिश करें और पर्याप्त नींद लें।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Related Articles

Back to top button